मायावती ने कहा है कि संविधान के तहत मुझे अपनी बात रखने से नहीं रोका जा सकता है और न ही उनके पास भाषणों की कोई सीडी है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी पार्टी की अध्यक्ष इसलिए इससे मेरा ज्यादा नुकसान हैं। चुनाव आयोग ने भाजपा के लिए आंख बंद कर रखी है। अमित शाह और पीएम मोदी को चुनाव आयोग की छूट है और दलित नेता पर प्रतिबंध।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि भाजपा हमेशा चुनावी में धार्मिक आधार पर भड़काने का प्रयास करती है। योगी जी ने इसकी शुरुआत की और अली और बजरंगबली की बात की। बसपा सुप्रीमो ने कहा योगी को न अली का न मेरी जाती से जुड़े बजरंगबली का वोट मिलेगा न अपरकास्ट का वोट मिलेगा। बसपा धर्म और जाति के नाम पर वोट नहि मांगती है और भाजपा घिनौनी राजनीति करती है। भाजपा के हथकंडे के बहकाने में न आए, मुझे अपनी कही गयी बात से नहि लगता मैंने आचार संहिता का उल्लंघन किया और न ही देवबंद में मैंने उल्लंघन किया मैंने एक ही धर्म के लोगों से वोट मांगा था न कि अलग अलग धर्म के लोगों से मांगा था। और अलग अलग जाति के लोगों से ये कहे कि आप अपना वोट नहि बाटेंगे तो ये आचार साहिता का उलंघन नहीं है।
बता दें कि चुनाव आयोग के फैसले के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ 3 दिन और मायावती 2 दिन तक कोई चुनावी सभा नहीं कर सकेंगी और न ही कोई टीवी इंटरव्यू नहीं दे पाएंगी। इसके साथ ही दोनों को कोई राजनीतिक ट्वीट नहीं करने का आदेश भी चुनाव आयोग की ओर से दिया गया है।