राजनीतिक जानकार बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में जीरो पर आउट होने के बाद बसपा का ग्राफ और तेजी से नीचे चला गया। इस बार उनका मूल वोटर उनसे कटकर विपक्ष के पाले, वो भी खासकर कांग्रेस में जाता दिखाई दिया है। बढ़ती चिंता के कारण अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में क्रीमी लेयर को लेकर
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ सबसे पहले और सबसे ज्यादा विरोध मायावती ने ही जताया। इस मुद्दे पर उन्होंने भाजपा को कानून बनाने की सलाह दी, वहीं कांग्रेस को घेरने का काम किया।
राहुल गांधी के आरक्षण वाले बयान को बसपा ने लिया लपक
जानकार बताते हैं कि कांग्रेस नेता
राहुल गांधी का आरक्षण को लेकर अमेरिका में दिए गए बयान को बसपा ने लपक लिया है। अब वो इसे चुनाव में इस्तेमाल करके अपने वोटर को जागरूक करेगी। पार्टी इसको उपचुनाव में भी मुद्दा बनाएगी।
यूपी में अपने कोर वोटर्स को बचाने में जुटी बसपा
बसपा के सूत्र बताते हैं कि आरक्षण के मुद्दे को लेकर पहले ही पार्टी की ओर से निर्देश है कि इसे दलितों के बीच मजबूती से पहुंचाया जाना चाहिए। दलित वोट बैंक में बिखराव मायावती के लिए सबसे बड़ी चिंता है। उसे वह हर हाल में पाना चाहेंगी। इसी कारण वह राहुल गांधी पर भी खुलकर हमले करने में पीछे नहीं हट रही हैं। अध्यक्ष चुने जाने के बाद की बैठक में मायावती के तेवरों से लगता है कि वो एक बार फिर अपने कोर मुद्दे को लेकर बहुजन समाज की तरफ लौटना चाह रही हैं।