यूपी में आशियाना बनाना हुआ आसान, सरिया हुई सस्ती, सीमेंट के भी दाम कम, नए रेट्स

Sariya Price Reduced – सरिया के रेट में तेजी से गिरावट देखने को मिली है। इसका कारण आयात घटने और निर्यात बढ़ना है।

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मौसम के साथ ही प्रदेश में सरिया के दाम में भी राहत मिली है। सरिया के रेट में तेजी से गिरावट देखने को मिली है। इसका कारण आयात घटने और निर्यात बढ़ना है। तकरीबन दो से चार हजार रुपये प्रति टन की गिरावट इस्पात में दर्ज की गई है। सरिया के दाम में 4,000 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है। पिछले हफ्ते सरिया के दाम 74,000 रुपये प्रति टन बिक रहा था। वहीं, अब सरिया की कीमतें घटकर 70,000 से 72,000 रुपये प्रति टन पहुंच गई है। कारोबारियों का कहना है कि सरकारी नीति में इस बार हुए बदलाव का बाजार पर सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। छह डिजिट का आंकड़ा छूने वाले बड़े ब्रांड घटकर 94,000 रुपये प्रति टन तक आ गए हैं।
सरिया के एक्सपोर्ट में आई कमी

सरिया के एक्सपोर्ट में कमी आई है। इससे बाजार में माल का स्टोरेज बढ़ा है। गर्मी के चलते डिमांड भी कम है। इससे सरिया के रेट में निरंतर कमी बनी हुई है। पहले रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दाम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा था। यूरोप में खपत अधिक होने से सरिया का निर्यात बढ़ा है। इस्पात के रेट में बदलाव हुआ है।
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एक हजार टन प्रतदिन है खपत

सरिया कारोबारी विशाल कुमार ने बताया कि यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण 90 रुपये किलो तक स्टील के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन केंद्र सराकर के फैसले से सरिया के दाम कम होंगे। उन्होंने बताया कि लखनऊ में सरिया एक हजार टन प्रतिदिन खपत है। सरिया कानपुर, दुर्गापुर, छत्तीसगढ़ से आती है।
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