मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद से पर्यटन विभाग ने राजस्थान की तर्ज पर किलों को विकसित कराने की तैयारी शुरू कर दी है। इनमें विश्व विख्यात ऐतिहासिक किला कालिंजर भी शामिल है।
पर्यटन विभाग ने 31 किलों को किया चिह्नित
पर्यटन विभाग ने बुंदेलखंड के सभी पुराने किलों का सर्वे कराया है। इनमें से 31 किलों को विकसित करने के लिए चिह्नित किया गया है। पर्यटन विभाग ने बुंदेलखंड के पौराणिक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के प्रचार-प्रसार के लिए क्षेत्र पर आधारित डॉक्यूमेंट्री भी बनवाई है, जिसका प्रसारण कई कार्यक्रमों में किया जा रहा है।
चंपत राय का महल के साथ इन किलों का होगा विकास
योजना के तहत झांसी का बरुआसागर किला, टहरौली किला, दिगारा की गढ़ी, चिरगांव का किला लोहागढ़ का किला, चंपत राय का महल, रघुनाथ राव का महल, महिपाल का निवास, मड़वारा के किले, सौरई के किले और देश विदेश में चर्चित कालिंजर किले का विकास कराने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सरकार ने दुर्गों के जीर्णोद्घार के साथ टूरिज्म की संभावनाओं को आकार देने के लिए प्रोफेशनल एजेंसी से अध्ययन कराया है।
542 हेक्टेयर में फैला है कालिंजर का किला
कालिंजर का किला 542 हेक्टेयर के विशाल पर क्षेत्र में फैला है। यहां निजी क्षेत्र की सहभागिता से लाइट एंड साउंड शो, कैंपिंग से किंग ट्रैकिंग, रॉक क्लाइमिंग और फसाड़ लाइटिंग का कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही किले पर नाइट गकेजिंग और नेचर ट्रेल की गतिविधियों को भी शुरू करने को कहा गया है।
बुंदेलखंड टूरिज्म के संस्थापक श्याम जी निगम ने बताया कि ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के बुंदेलखंड में कई स्थल उपेक्षित हैं। अब मुख्यमंत्री की पहल से अगर इनका समुचित विकास होगा तो क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही रोजगार के अवसर पैदा होंगे।