मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में गुरु को सर्वोच्च स्थान प्रदान किया गया है। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु, महेश के समान बताया गया है। गुरु शिष्य को रचता है, इसलिए वह ब्रह्मा है। गुरु, शिष्य की रक्षा करता है, इसलिए वह विष्णु है। गुरु शिष्य के सभी दोषों का संहार करता है, इसलिए वह साक्षात महेश्वर है। हमें गुरु-पूजन पूरी आस्था और श्रद्धाभाव से करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में गुरु के महत्व से भावी पीढ़ी को परिचित कराने के लिए यह पर्व आदर्श है। गुरु-पूजन का यह पर्व हमें सत्मार्ग पर ले जाने वाले उन महापुरुषों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता अर्पित करने की प्रेरणा देता है, जिन्होंने अपने ज्ञान, त्याग और तपस्या से समाज, राष्ट्र और विश्व को नई राह दिखाई। मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत जनता से गुरु पूर्णिमा का पर्व कोविड प्रोटोकाॅल का पूर्ण पालन करते हुए ही मनाये जाने की अपील की है।