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लखनऊ

राजधानी में पोस्टर वॉर, कोर्ट से फटकार के बाद सरकार ने लगाए दंगाइयों के नए होर्डिंग्स

नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध करने वाले 57 उपद्रवियों के पोस्टर लगाने पर कोर्ट की नाराजगी झेलने वाली यूपी सरकार नए तरह का पोस्टर लेकर आई है

लखनऊMar 13, 2020 / 03:49 pm

Karishma Lalwani

राजधानी में पोस्टर वॉर, कोर्ट से फटकार के बाद सरकार ने लगाए दंगाइयों के नए होर्डिंग्स

राजधानी में पोस्टर वॉर, कोर्ट से फटकार के बाद सरकार ने लगाए दंगाइयों के नए होर्डिंग्स

लखनऊ. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का विरोध करने वाले 57 उपद्रवियों के पोस्टर लगाने पर कोर्ट की नाराजगी झेलने वाली यूपी सरकार नए तरह का पोस्टर लेकर आई है। नए पोस्टर में आरोपियों की तस्वीरों के बिना उनके नाम सार्वजनिक स्थल पर लगाए गए हैं। इससे पहले फोटो सहित उपद्रवियों के पोस्टर चौराहे पर लगाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार को फटकार लगाते हुए पोस्टर हटाने की आदेश दिया था। कोर्ट से फटकार खाने के बाद राजधानी लखनऊ में कई जगह ऐसे पोस्टर देखे गए जिनमें आरोपियों के पोस्टर नहीं हैं। जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा और परिवर्तन चौक पर लगे होर्डिंग्स में आरोपियों की तस्वीरें नहीं लगाई गई हैं।
राजधानी में पोस्टर वॉर, कोर्ट से फटकार के बाद सरकार ने लगाए दंगाइयों के नए होर्डिंग्स
कोर्ट ने लगाई फटकार

योगी सरकार ने सीएए विरोध के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले आरोपी दंगाइयों से नुकसान की भरपाई करने का आदेश दिया था। इसके बाद प्रशासन की ओर से आरोपियों के तस्वीरों वाले पोस्टर लखनऊ के चौराहों पर लगवा दिए। आरोपी दंगाइयों के पोस्टर इस तरह सार्वजनिक करने पर विवाद हो गया। मामले के तूल पकड़ने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को पोस्टर हटाने का आदेश दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। कोर्ट ने मामला बड़ी बेंच को सौंपा जिसके बाद गुरुवार को जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की वेकेशन बेंच में इस मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने योगी सरकार को फटकार लगाई कि अब तक ऐसा कोई प्रावधान नहीं, जो इस तरह आरोपियों के होर्डिंग्स लगाने की इजाजत देता हो। कोर्ट ने फटकार के बाद सरकार ने उपद्रवियों के पुराने पोस्टर हटा कर उनकी बिना तस्वीर के पोस्टर चौराहों पर लगाए हैं।
सेंगर और चिन्मयानंद के भी लगे पोस्टर

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन काननू हिंसा के आरोपियों का पोस्टर लगवाने के बाद मामले में राजनीति शुरू हो गई है। शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता आईपी सिंह ने नाम और पते के साथ रेप के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर और चिन्मयानंद के पोस्टर सीएए हिंसा के आरोपियों के साथ लगा दिए। हालांकि, मामले की जानकारी होने के बाद बाद में पुलिस ने पोस्टर हटा दिए।
https://twitter.com/IPSinghSp/status/1238175879412322304?ref_src=twsrc%5Etfw
आई पी सिंह ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से पोस्टर लगाए जाने की जानकारी देते हुए कहा, ‘जब प्रदर्शनकारियों की कोई निजता नहीं है और उच्चन्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग नहीं हटा रही है तो ये लीजिए फिर। लोहिया चौराहे पर मैंने भी कुछ कोर्ट द्वारा नामित अपराधियों का पोस्टर जनहित में जारी कर दिया है, इनसे बेटियां सावधान रहें।’
भाजपा को बताया महिला विरोधी

इससे पहले पोस्टर की तस्वीर शेयर कर आईपी सिंह ने कहा कि इसका विरोध वही करेगा जो महिला विरोधी होगा और बलात्कारियों का समर्थन करता होगा। सरकार उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का अपमान कर संविधान विरोधी कार्य करेगी तो फिर उसके पहले भाजपा को अपने गिरेबान में भी झांक कर देख लेना चाहिए। भाजपा महिला विरोधी है।
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