लखनऊ

पंचायत चुनाव लड़ना है तो नामांकन के समय देना होगा खर्च का पूरा ब्यौरा, नहीं तो हो जाएंगे बहाल

ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों का कार्यकाल नवंबर और दिसंबर में समाप्त होने जा रहा है।

लखनऊSep 14, 2020 / 09:30 am

Neeraj Patel

पंचायत चुनाव लड़ना है तो नामांकन के समय चुनाव आयोग को देना होगा खर्च का पूरा ब्यौरा, नहीं तो हो जाएंगे बहाल

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में ग्राम प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्यों का कार्यकाल नवंबर और दिसंबर में समाप्त होने जा रहा है। यूपी में इस बार पंचायत चुनाव में लगभग 80 प्रतिशत प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्य चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसके पीछे कारण है कि 80 प्रतिशत ने चुनाव खर्च ही जमा नहीं कराया है। नवंबर-दिसंबर में होने वाले त्रिस्तरीय चुनाव कोरोना संक्रमण के चलते समय पर नहीं हो पाएंगे। चुनाव अगले माह अप्रैल मई में हो सकते हैं।

इस बार पंचायत चुनाव लड़ने का सपना देख रहे मौजूदा प्रधान, बीडीसी व जिला पंचायत सदस्यों में से 80 प्रतिशत का सपना केवल सपना ही बनकर रह जाएगा। क्योंकि इनमें से 80 प्रतिशत लोगों ने चुनाव आयोग के नियमों, दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है। चुनाव के समय आयोग की ओर से चुनाव में होने वाले खर्च का ब्योरा जमा करने के निर्देश दिए गए थे।

इसके साथ ही चुनाव में हुए खर्च का ब्योरा नहीं देने वालों को चुनाव लड़ने के लिए आयोग्य घोषित होने की हिदायत भी दी गई थी। ऐसे में चुनाव में जीतने और हारने वाले लगभग 80 प्रतिशत लोगों ने इसका पालन नहीं किया गया। अब आगामी चुनाव में नामांकन के समय यह देखा जाएगा कि किसने ब्योरा दिया है और किसने नहीं दिया है। जिन लोगों ने ब्योरा नहीं दिया है उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य माना जा सकता है। जिला निर्वाचन अधिकारियों का कहना है कि पंचायत चुनाव में निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन किया जाएगा। आयोग द्वारा ऐसे लोगों पर निर्णय लिया जाएगा। निर्णयानुसार जो भी अयोग्य होगा उसे चुनाव लड़ने की परमीशन नहीं दी जाएगी।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.