कई साल से बंद था रूम मौके पर पहुंची पुलिस ने बॉक्स को कब्जे में ले लिया। बताया जा रहा है कि बरामद जिंदा कारतूस व खोखों में कुछ डमी भी हैं। पुलिस के मुताबिक, कारतूसों की गिनती की जारी है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि विद्यालय के अंदर कैसे पहुंचे। मामले की छानबीन की जा रही है।बीएसए और शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर निरीक्षण किया। अधिकारियों के मुताबिक विद्यालय का कमरा पिछले लगभग चालीस वर्षों से बंद पड़ा है। यहां कई अन्य बाक्सों में सामान रखा हुआ मिला है। जांच की जा रही है।
जब पुलिस ने शिक्षा खंड अधिकारी अनीता से इसकी जानकारी मांगनी चाही तो वह जानकारी नहीं दे सकी बस उनका कहना था कि यह कमरा लगभग 30-40 सालों से बंद था जिसकी सफाई के लिए आज खुलवाया गया जिसमें यह सब पाया गया। इसके बाद पुलिस ने बीएसए अधिकारी अमरकांत को मौके पर बुलाकर जानकारी में जुट गई है। बीएसए अधिकारी ने बताया की स्टोर रूम में सफाई करवाई जा रही थी जिसमें बक्से भी थे जिनको सफाई के बाद प्राथमिक विद्यालयों को दिया जाता जिससे की वह अपने जरूरी कागजात उसमें रख सके। फिलहाल पुलिस ने कारतूसों को कब्जे में ले लिया है जिसकी वह जांच कर रही है
मामले की होगी जांच
हजरतगंज सीओ अभय मिश्रा ने बताया की विद्यालय के अंदर सफाई के दौरान एक बक्से में रायफल, कारतूस, चिंदी, सीलिंग कड़ी और रायफल को साफ करने का यंत्र भी मिला है । जिसको कब्जे में लेकर जांच की जा रही है । साथ ही विद्यालय के अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी की इस तरह का सामान विद्यालय के अंदर कैसे पहुंचा है ।