बता दें कि तीन आईएएस अफसर फ़िलहाल प्रतीक्षारत हैं। 10 जुलाई को उनके घरों पर सीबीआई के छापे के बाद शासन ने तीनों को उनके पदों से हटा दिया था। माना जा रहा है कि सीबीआई की यह गोपनीय रिपोर्ट मिलने के बाद तीनों के विरुद्ध कोई कार्रवाई हो सकती है। सीबीआई के छापों के दौरान अभय बुलंदशहर के डीएम थे, तो विवेक कुमार कौशल विकास विकास मिशन के प्रबंध निदेशक और डीएस उपाध्याय आजमगढ़ के मुख्य विकास अधिकारी।
जुलाई को सीबीआई की टीम ने बुलंदशहर, लखनऊ, फतेहपुर, आजमगढ़, प्रयागराज, नोएडा, देवरिया समेत यूपी के 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान बुलंदशहर के डीएम रहे अभय सिंह के घर से सीबीआई ने 47 लाख रुपए कैश बरामद किये थे। आजमगढ़ के सीदो डीएस उपाध्याय के घर से भी सीबीआई को 10 लाख रुपए कैश बरामद हुए थे। वहीं लखनऊ में कौशल विकास निगम के एमडी विवेक कुमार के घर से भी सीबीआई ने अहम दस्तावेज बरामद किए थे। सीबीआई सूत्रों के मुताबिक अभय सिंह और डीएस उपाध्याय घरों से मिले नकदी के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए हैं।
लगे ये आरोप आईएएस अभय सिंह अखिलेश सरकार के दौरान फतेहपुर के डीएम बनाए गए थे। इस दौरान लाखों के खनन घोटाले में शामिल होने आरोप है। आईएएस विवेक कुमार देवरिया के डीएम थे और उन पर भी अवैध रूप से खनन पट्टे देने का आरोप है।
63 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नमूना की जांच के मामले को 3 साल से ज्यादा समय तक लंबित रखने के कारण खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने 63 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की है। इसमें एक वरिष्ठ खाद विश्लेषक को निलंबित कर दिया गया है। चार खाद विश्लेषकों और इतने ही अभिहित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं।