अलग-अलग लोगों को बेची थी जमीन प्रवक्ता ने बताया कि बाद में अशोक कुमार पाठक ने अलग-अलग लोगों को यह जमीन बेच भी दी थी। दोनों ही मामले उत्तर प्रदेश सरकार के अनुरोध पर सीबीआई ने 2016 में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था। दोनों ही मामलों में सीबीआई न्यायालय में चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी थी।
CBI न्यायालय में किया गया पेश इसके बाद से अशोक कुमार पाठक फरार चल रहा था। बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लखनऊ में सीबीआई न्यायालय में पेश किया गया। जहां से उसे जेल भेज दिया गया। अशोक पाठक लखनऊ का माना जाना जालसाज है।
विभिन्न थानों में दर्ज थे जालसाजी के केस उसके खिलाफ लखनऊ के विभिन्न थानों में जालसाजी के मुकदमे दर्ज हैं। इसमें चिनहट में दर्ज अलग-अलग मामलों में लखनऊ पुलिस ने उसके खिलाफ गुंडा एक्ट और गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। पाठक गोमतीनगर थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। पाठक के खिलाफ लखनऊ के चौक, अमीनाबाद, वजीरगंज, मड़ियांव और सरोजनीनगर थाने में भी केस दर्ज है।
ये था पूरा मामला हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई के उपनिरीक्षक अमितोष श्रीवास्तव द्वारा अशोक पाठक व अधिवक्ता विनय जीतलाल शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने को लेकर तहरीर दी थी। यह तहरीर 4 फरवरी 2020 को सीबीआई की लखनऊ स्थित मुख्य शाखा में दी गई थी। अशोक पाठक पर आरोप लगा है कि उनके द्वारा खुर्शीद आगा की ओर से जिला मजिस्ट्रेट राजशेखर व अन्य के विरुद्ध उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के सामने अवमानना याचिका दाखिल की गई थी।