क्या है सीबीआई की रिपोर्ट में
सीबीआई ने कोर्ट में दाखिल की गई अपनी फाइनल रिपोर्ट में कहा है कि विवेचना में 16 व 17 मई 2017 को गेस्ट हाउस में तैनात रहे स्टाफ से पूछताछ की गई तो पता चला कि अनुराग का व्यवहार असामान्य नहीं था और न ही किसी ने किसी असामान्य क्रिया-कलाप के विषय में ही सुना। सभी परिस्थितियों व आरोपों की विवेचना में किसी असामान्य घटना का कोई सुबूत नहीं मिला। एम्स के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट ने भी बताया कि मृत्यु दुर्घटनावश गिर जाने से हुई है। आईएएस की मृत्यु न तो हत्या या मानव वध है और न ही आत्महत्या।
भाई ने लगाया था हत्या का आरोप
गौरतलब है कि 17 मई 2017 की सुबह मीराबाई मार्ग स्थित राज्य गेस्ट हाउस के पास सड़क के किनारे अनुराग मृत पाए गए थे। वह स्टेट गेस्ट हाउस के कमरा नं. 19 में पिछले दो दिनों से एलडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष प्रभु नरायण सिंह के साथ रह रहे थे। मृतक के बड़े भाई मयंक ने 22 मई, 2017 को हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराकर हत्या का आरोप लगाया था। कहा गया था कि अनुराग देर से उठते थे और कभी मॉर्निंग वॉक पर नहीं जाते थे। अनुराग एक ईमानदार अधिकारी थे। बंगलूरू में फूड एंड सिविल सप्लाई के आयुक्त अनुराग ने मयंक को बताया था कि वह कुछ फाइल पर काम कर रहे थे जो एक बड़े घोटाले को उजाकर कर सकता था। इसी को लेकर कुछ कागजों पर दस्तखत करने के लिए अनुराग पर दबाव बनाया जा रहा था। उन्हें जान का खतरा था। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भारत सरकार ने 15 जून, 2017 को विवेचना सीबीआई को सौंप दी।
दो अज्ञात लोगों पर थे केस दर्ज
कर्नाटक काडर के 2007 बैच के आईएएस ऑफिसर अनुराग तिवारी यूपी के बलिया के निवासी थे। मीराबाई मार्ग पर स्टेट गेस्ट हाउस के पास 17 मई, 2017 को वह मृत पाए गए थे। इस मामले में उनकी हत्या करवाए जाने का आरोप लगा था। वहीं कुछ लोग उनके आत्महत्या करने की बात कह रहे थे। यूपी सरकार ने घटना की संवेदनशीलता देखते हुए इसकी जांच सीबीआई को दे दी थी। सीबीआई ने इस मामले में 17 जून 2017 को दो अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया था।