पीड़ित लड़की के आरोप सही सूत्रों के मुताबिक जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक सीबीआई ने गैंगरेप पीड़ित लड़की के आरोपों को सही पाया है। आपको बता दें कि पीड़ित लड़की ने सीबीआई के सामने दिए अपने बयान में कहा था कि 4 जून 2017 को बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने उसके साथ रेप किया था। इस दौरान उसको विधायक के पास ले जाने वाली शशि सिंह भी कमरे के बाहर मौजूद थी।
पुलिस ने नहीं लिखा नाम उन्नाव मामले में एक दूसरी जानकारी जो निकलकर सामने आ रही है उसके मुताबिक पीड़ित लड़की अपने साथ हुई इस वारदात के बाद से लगातार बीजेपी विधायक को दोषी ठहराती रही। लेकिन उन्नाव पुलिस ने 20 जून 2017 को दर्ज की गई एफआईआर में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और दूसरे आरोपियों का नाम नहीं लिखा।
पुलिस की मिलीभगत उन्नाव मामले की जांच जब सीबीआई के पास आई तो उसने CRPC की धारा 164 के तहत कोर्ट के सामने गैंगरेप पीड़ित लड़की के बयान दर्ज किए। कोर्ट के सामने दिए अपने बयान में गैंगरेप पीड़ित लड़की अपने आरोपों पर टिकी रही। सीबीआई सूत्रों की अगर मानें तो उन्नाव पुलिस ने रेप के बाद लड़की की मेडिकल जांच में भी काफी देरी की थी। साथ ही पुलिस ने लड़की के कपड़े और वजाइनल स्वैब को भी फारेंसिक लैब नहीं भेजा। जिससे पुलिस और बीजेपी विधायक के बीच मिलीभगत की बात साफ हो रही है।
सेंगर सीतापुर जेल में शिफ्ट आपको बता दें कि उन्नाव गैंगरेप मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, उसकी महिला सहयोगी शशि सिंह समेत दूसरे सभी आरोपियों को CBI ने गिरफ्तार किया है। वहीं दूसरी तरफ गैंगरेप पीड़िता की मांग पर बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। बीजेपी विधायक को उन्नाव जेल से हटाने के लिए हाईकोर्ट में अपील की गई थी। जिसके बाद प्रशासन ने कुलदीप को उन्नाव जेल से सीतापुर जेल में शिफ्ट कर दिया।