सीबीआई की अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को सबूतों के आभाव में बरी कर दिया। कोर्ट ने घटना को पूर्व नियोजित नहीं माना। कोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्ष के पैरोकार जफरयाब जीलानी ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही। उन्होंने मीडिया से कहा कि केस में मुसलमान विक्टिम है इसलिये फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा। हाईकोर्ट में अपील कौन करेगा, इसको लेकर उन्होंने कहा कि यह बाद में तय होगा।
उधर पहली एफआईआर दर्ज कराने वाले हाजी महबूब ने मीडिया से कहा कि कल्याण सिंह से लेकर राम विलास वेदांती तक गर्व करते रहे कि मैने गिराया है, सब लोग यही कहते रहे, बावजूद इसके सभी बरी कर दिये गए। उन्होंने कहा कि जंगलराज चल रहा है। हालांकि सीबीआई अदालत के फैसले को चुनौती देने के सवाल पर उन्होंने कुछ साफ-साफ नहीं कहा। बताते चलें कि हाजी महबूब ही वो शख्स हैं जिन्होंने बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद सबसे पहले राम जन्मभूमि थाने में 49 लोगों को आरोपी बनाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।
उधर अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने भी सीबीआई की विशेष अदालत के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि हम कानून का पालन करने वाले अच्छे मुसलमान हैं। उन्होंने कहा कि बहुत लम्बे समय से मामला लटका हुआ था। अचछा है अदालत ने बरी कर दिया। इकबाल अंसारी ने कहा कि हम पहले ही चाहते थे कि इसका फैसला हो जाए। हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं।