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लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश की बढ़ सकती है मुश्किलें

locationलखनऊPublished: Sep 13, 2018 03:34:29 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

गोमती रिवरफ्रंट मामले में अखिलेश यादव पर कस सकता है सीबीआई और ईडी का शिकंजा।
 

akhilesh yadav

लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश की बढ़ सकती है मुश्किलें

लखनऊ. 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवरफ्रंट प्रोजेक्ट में हुई धांधली की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। यह कार्य अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान हुआ था, इसलिए जांच एजेंसियों की रडार पूर्व मुख्यमंत्री भी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय में उनकी समस्याएं बढ़ सकती हैं। वहीं आने वाले कुछ महीनों में कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कार्रवाई करते हुए सोमवार को प्रोजेक्ट से जुड़ी छह कंपनियों को समन जारी किया है। इस समय को सपा नेता पर दबाव बनाने के तौर पर देखा जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय प्रोजक्ट में हुई वित्तीय अनियमितता की जांच कर रहा है। यह प्रोजेक्ट अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था।
पद का दुरुपयोग करने का है आरोप
इस प्रोजेक्ट की जांच सीबीआई ने इसी साल मार्च में शुरू की थी। आरोप है कि इस प्रोजेक्ट में करीब १,५१३ करोड़ रुपए की अनियमितता हुई थी। इस मामले में सीबीआई ने २ दिसंबर २०१७ को प्राथमिकी दर्ज की थी। सीबीआई द्वारा दर्ज कराए गए एफआईआर में सिंचाई विभाग के आठ इंजीनियरों को अरोपी बनाया गया था। आरोप है कि इन सभी कर्मचारियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए वित्तीय गड़बड़ी की और आार्थिक अपराध किया है। इन सभी कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी, चीटिंग और फॉजरी का मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि जो कंपनियां दागी और ब्लैक लिस्टेड थीं, उन्हें भी ठेके दिए गए। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर अधिकारियों ने इन कंपनियों को ठेके की राशि से भी अधिक भुगतान किया। प्रवर्तन निदेशालय ने जिन छह कंपनियों को समन जारी किया है, उनमें गैमन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, केके स्पून पाइप प्राइवेट लिमिटेड, हाईटेक कंपेटेंट बिल्डिर्स प्राइवेट लिमिटेड, रिशु कंसट्रक्शन और कंस्ट्रक्शन हैं। 2017 में यूपी की सत्ता में आने के बाद भाजपा की योगी आदित्यनाथ सरकार ने गोमती रिवर फ्रंट मामले की जांच कराने का एलान किया था।

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