– Unano Case : सीबीआइ की पड़ताल में उन्नाव निवासी बंदी रक्षक अमर सिंह का नाम आया सामने – सीबीआइ के रडार पर उन्नाव का बंदी रक्षक अमर सिंह, सीेेतापुर जेल में कुलदीप सिंह सेंगर की मदद करने का आरोप
उन्नाव केस में सामने आया एक और शख्स का नाम, लग रहे कई गंभीर आरोप, सीबीआइ पड़ताल में खुल सकते हैं अहम राज
लखनऊ. उन्नाव दुष्कर्म मामला (Unnao Case) और रायबरेली में पीड़िता की दुर्घटना की जांच में जुटी सीबीआइ (CBI) के सामने एक और शख्स का नाम सामने आया है, जिसके जरिए केस में कई अहम खुलासे हो सकते हैं। सीबीआइ की पड़ताल में उन्नाव निवासी बंदी रक्षक अमर सिंह का नाम सामने आया है, जिसने सीतापुर जेल में आरोपित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) से मिलने आये लोगों से बातचीत कराने में मदद की। मिली जानकारी के मुताबिक, अमर सिंह की मदद से ही जेल में बंद सेंगर लोगों से मोबाइल पर बातचीत कर पाता था।
रायबरेली में दुष्कर्म पीड़िता की कार के एक्सीडेंट के बाद आरोपित विधायक पर हत्या की साजिश रचने का मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले की जांच कर रही सीबीआइ यह जानने का प्रयास कर रही है कि सीतापुर जेल में बंद आरोपित विधायक की किन-किन लोगों ने मदद की। सीबीआइ की पड़ताल में उन्नाव निवासी अमर सिंह का नाम सामने आया है, जो पहले लखनऊ जेल में बंदीरक्षक के पद पर तैनात था, बाद में उसे सीतापुर जेल भेज दिया गया। सीबीआइ जांच में उसके तार आरोपित विधायक से जुड़ते गये। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बंदी रक्षक अमर सिंह मोबाइल के सिम बदलकर जेल में बंद आरोपित विधायक की बातचीत उनके खास लोगों से कराता था। माना जा रहा है कि अमर सिंह से सीबीआइ की पूछताछ में केस से जुड़ी कई और अहम जानकारियां सामने आ सकती हैं।
माखी थानाध्यक्ष हटाये गये एसपी एमपी वर्मा ने माखी थानाध्यक्ष नारद मुनि को पुलिस लाइन भेज दिया है। उनके स्थान पर उपनिरीक्षक सफीपुर राज बहादुर को माखी थानाध्यक्ष बनाया गया है। दुष्कर्म पीड़िता की सुरक्षा में खामियों को लेकर नारद मुनि चर्चा में थे। अधिकारी भले ही इसे रूटीन ट्रांसफर बता रहे हों, लेकिन चर्चा है कि पीड़िता की सुरक्षा में लापरवाही के चलते एसओ को हटाया गया है।