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नकल रोकने के लिए अब ऑनलाइन प्रश्नपत्र भेजेगा सीबीएसई, लखनऊ में शुरू हुआ ये बड़ा सम्मेलन

locationलखनऊPublished: Nov 22, 2018 08:21:31 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

राजधानी लखनऊ में आयोजित 24वें राष्ट्रीय सहोदया सम्मेलन में तमाम स्कूलों ने हिस्सा लिया। इस दौरान नकल रोकने के लिए सीबीएसई द्वारा उठाए जा रहे तमाम अहम कदमों की जानकारी दी गई।

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लखनऊ. राजधानी लखनऊ में आयोजित 24वें राष्ट्रीय सहोदया सम्मेलन में तमाम स्कूलों ने हिस्सा लिया। इस दौरान नकल रोकने के लिए सीबीएसई द्वारा उठाए जा रहे तमाम अहम कदमों की जानकारी दी गई। सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने एक निजी चैनल से बातचीत में सीबीएसई ने परीक्षा पेपर लीक होने की समस्या से निपटने के लिए अब ऑनलाइन प्रश्नपत्र भेजने की शुरुआत करेगा। 2019 के बोर्ड एग्जाम से कुछ कम छात्र संख्या वाले विषयों के प्रश्नपत्र भेजने के साथ नई व्यवस्था शुरू होगी। बता दें कि साल 2018 की सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में इंटरमीडिएट में इकोनॉमिक्स का पेपर लीक हुआ था। आगामी बोर्ड परीक्षा में ऐसा न हो इसके लिए खास तैयारी की जा रही है।
‘डिजिटल की’ भी मिलेगी

इस दौरान सीबीएसई के सचिव ने बताया कि ऑनलाइन पेपर निकालने के लिए सीबीएसई परीक्षा केंद्रों को डिजिटल-की देने की तैयारी में है। सम्मेलन में सीबीएसई की चेयरपर्सन अनीता करवाल ने बताया कि एजुकेशनल सिस्टम के मूल्यांकन के लिए पीसा असेसमेंट में विश्व के 74 देशों ने हिस्सा लिया जिसमें से भारत को 72वां स्थान मिला। यहां तक के केन्या, वियतनाम जैसे देश भारत से कहीं बेहतर रहे। अनीता करवाल ने बताया कि भारत एक बार फिर 2021 में होने वाले पीसा असेसमेंट में शामिल होगा और तैयारी है कि भारत बेहतर प्रदर्शन करे. इसके लिए सीबीएसई अपने एजुकेशनल सिस्टम में जरूरी बदलाव कर रहा है।
स्कूलों को करना होगा बेहतर


सीबीएसई की चेयरपर्सन अनीता करवाल ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा कि सीबीएसई के स्कूल अपना बेस्ट नहीं दे रहे हैं। आगामी वर्ष से सीबीएसई एग्जामिनेशन रिफॉर्मस की दिशा में बड़े बदलाव करने जा रहा है। इसमें परीक्षा से लेकर असेसमेंट तक का तरीका बदलेगा। सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि सीबीएसई ने अपने बायलॉज में बदलाव किया हैं. अब सीबीएसई स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर की जगह एकेडमिक पार्ट पर अधिक ध्यान देगा. स्कूल की मान्यता के समय सीबीएसई, स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर राज्य सरकार से जारी एनओसी के बाद, अलग से जांच नहीं कराएगा। बता दें कि यूपी में पहली बार आयोजित सहोदया सम्मेलन में सीबीएसई चेयरपर्सन, सचिव, परीक्षा नियंत्रक समेत अन्य अधिकारी और देश भर से स्कूल प्रिंसिपल, टीचर शामिल हुए हैं.
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