कोविड-19 की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी ने कहा कि प्रदेश में संक्रमण के मामलों में कमी आई है। रिकवरी रेट काफी सुधरा है, बावजूद लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। आगामी त्योहारों को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग व मास्क पहनने को लेकर आम लोगों को लगातार जागरूक किया जाए। इसके लिए धार्मिक स्थलों एवं भीड़भाड़ वाले इलाकों में लाउडस्पीकर के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए।
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने समिति गठित करने का निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से जिनकी मृत्यु हुई है, उनका डेथ ऑडिट कराया जाए। समिति जांच करे कि उनके इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही तो नहीं बरती गई है। अगर कोरोना मरीजों के कान्टैक्ट ट्रेसिंग, सर्विलांस, लैब टेस्टिंग और इलाज में किसी तरह की कोताही बरती गई है तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसके अलावा जिन जिलों में कोरोना के सबसे अधिक केस सामने आ रहे हैं और मृत्यु दर अधिक है, उनकी गूगल मैपिंग कर अलग से मॉनिटरिंग की जाए।
मास्क नहीं पहना तो 500 रुपए जुर्माना या फिर जेल
उत्तर प्रदेश में सभी के लिए मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है। सूबे में बिना मास्क घर से बाहर निकलने पर 500 रुपए जुर्माने देना होगा। चालान भी किया जा सकता है। पहले जुर्माने की राशि 100 रुपए थी। प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल कहा कि सभी के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। पुलिस को सख्त निर्देश दिए गए हैं, जो भी मास्क का प्रयोग नहीं कर रहे हैं, उनका चालान किया जाए।