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जल्द होगी देश के दूसरे वायरस रिसर्च सेंटर की शुरुआत, कोविड-19 के साथ-साथ अन्य वायरस पर भी होगा अनुसंधान

locationलखनऊPublished: Jul 15, 2020 01:45:16 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

कोरोना वायरस (Corona Virus) पर रिसर्च जारी है। देश में वायरस पर शोध के लिए एकमात्र प्रयोगकार्यशाला पुणे में स्थापित है। अन्य देशों में भी कोरोना पर रिसर्च जारी है। दुनियाभर में कई कोरोना पर कई तरह के शोध हो रहे हैं

जल्द होगी देश के दूसरे वायरस रिसर्च सेंटर की शुरुआत, कोविड-19 के साथ-साथ अन्य वायरस पर भी होगा अनुसंधान

जल्द होगी देश के दूसरे वायरस रिसर्च सेंटर की शुरुआत, कोविड-19 के साथ-साथ अन्य वायरस पर भी होगा अनुसंधान

लखनऊ. कोरोना वायरस (Corona Virus) पर रिसर्च जारी है। देश में वायरस पर शोध के लिए एकमात्र प्रयोगकार्यशाला पुणे में स्थापित है। अन्य देशों में भी कोरोना पर रिसर्च जारी है। दुनियाभर में कई कोरोना पर कई तरह के शोध हो रहे हैं। 50 से ज्यादा इंस्टीट्यूट-कंपनियां वैक्सीन बनाने में जुटी हैं। मगर जिस बड़े स्तर पर वायरस से जुड़े शोध अध्ययन किए जा रहे हैं, उसको देखते हुए व कोविड- 19 की मौजूदा महामारी के संदर्भ में एक संस्थान को काफी पर्याप्त नहीं माना जा रहा है। इसी कड़ी में देश में वायरस की पहल को गति देने के लिए राजधानी लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधीय संस्थान (CDRI) ने भी तैयारियां मुकम्मल कर दी हैं।
लगभग 100 करोड़ की लागत से यहां वायरस सेंटर की शुरुआत इसी महीने की जानी है। संस्थान के निदेशक डॉ. तपस कुंडू के अनुसार, सेंटर के लिए जरूरी प्रयोगशाला बी एस एल -3 की स्थापना कर ली गई है, जिसमें जीवित वायरस (लाइव वायरस) पर काम होगा। संस्थान की कोशिश है कि इस रिसर्च सेंटर पर जल्द से जल्द काम पूरा हो और इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कराया जाए।
50-50 करोड़ का मिल सकता है अंशदान

रिसर्च सेंटर के लिए राज्य सरकार व सीएसआइआर दोनों की सैद्धांतिक सहमति के साथ 50- 50 करोड़ का अंशदान मिलने की उम्मीद है। निदेशक डॉक्टर कुंडू ने बताया कि सेंटर में पूरी दुनिया के लिए विकट समस्या बने सार्स वायरस, कोविड-19 के साथ-साथ अभी तक चिकित्सीय जगत के लिए चुनौती बने जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) वायरस पर शोध किया जाएगा। जेई वायरस भी कोरोना की तरह आरएनए वायरस है। साथ ही डेंगू व अन्य वायरस पर भी अनुसंधान किया जाएगा।
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