scriptअफ़सर अंदर, मोबाइल बाहर, सीएम योगी की बैठक में मोबाइल का लगा मेला, पहली बार दिखा ऐसा नजारा | cell phone taken away from all UP SPs and district magistrates | Patrika News

अफ़सर अंदर, मोबाइल बाहर, सीएम योगी की बैठक में मोबाइल का लगा मेला, पहली बार दिखा ऐसा नजारा

locationलखनऊPublished: Jun 12, 2019 08:51:47 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर सीएम योगी ने प्रदेश के सभी जिलाधाकारियों व पुलिस अधिक्षकों के साथ समीक्षा बैठक की।

Yogi

Yogi

लखनऊ. यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर सीएम योगी ने प्रदेश के सभी जिलाधाकारियों व पुलिस अधिक्षकों के साथ समीक्षा बैठक की। लेकिन इस बैठक में पहली बार ऐसा हुआ कि सभी अफसर मीटिंग कक्ष में थे, लेकिन उनके सेल फोन बाहर जमा कर लिए गए थे। कक्ष के बाहर सेल फोन का मेला सा लग गया था। कुछ ही दिनों पहले मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने इसको लेकर एक आदेश भी जारी किया था जिमसें बताया गया था कि लोकभवन स्थित मंत्रिपरिषद कक्ष में किसी का भी मोबाइल फोन लाना प्रतिबंधित है। यह पत्र उप मुख्यमंत्री, सभी कैबिनेट मंत्री, स्वतंत्र प्रभार के सभी राज्यमंत्रियों व राज्यमंत्रियों के निजी सचिवों को भी दिया गया था। आज इसका असर पुलिस अफसरों व प्रशासनिक अधिकारियों की सीएम योगी के संग हुई बैठक में भी देखने को मिला। मोबाइल फोन के जमा करने का यह मामला काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।
ये भी पढ़ें- मुलायम सिंह यादव फिर हुए अस्पताल में भर्ती, शिवपाल यादव ने सपा में विलय पर ले लिया अपना आखिरी फैसला

ऐसा था नजारा-

प्रदेश के अलग-अलग जिलों के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व पुलिस अधीक्षक के लिए मीटिंग हॉल में जाने से पहले बाहर ही एक बड़ा स्टॉल लगाया गया था, जहां पर सभी के मोबाइल जमा करा लिए गए। बताया जा रहा है कि जमा करने से पहले सभी के मोबाइल पर जिले के नाम और पद की स्लिप भी चस्पा की गई थी। उन्हें किसी तरह की असुविधा न हो इसके लिए मोबाइल जमा करने पर टोकन भी दिया गया, जिसे वापस करने पर मोबाइल फिर से प्राप्त किया जा सका। टेबलों पर सजे मोबाईलों को देख ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो कोई मेला लगा हो जहां पर इन मोबाइल्स की बिक्री की जा रही है। बहरहाल मोबाइल फोन जमा करने का मकसद बैठक में अनचाही रुकावट को रोकना था।
इसलिए जमा कर लिए गए थे मोबाइल-

सीेएम योगी नहीं चाहते थे कि बैठक के दौरान फोन कॉल य मैसेज से किसी प्रकार की खलल पैदा हो। इससे पहले कई दफा यह देखा गया कि ऐसी महत्वपूर्व बैठकों के दैरान अफसर मोबाइल में बिजी रहते हैं, जिसे अनुशासनहीनता तो माना ही जाता है, बैठक में बताई गई बातें को भी अनसुना कर उनका अनुपालन नहीं हो पाता है। ऐसे में बैठक की गंभीरता को बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है।
ये भी पढ़ें- ट्विंकल हत्याकांड पर यूपी मंत्री का आया शर्मनाक बयान, कहा- होती रही हैं ऐसी… अखिलेश ने फिर दिया यह बयान

यूपी में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाने के लिए सभी जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों के साथ हुई समीक्षा बैठक के बाद मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडे ने प्रेस वार्ता कर बताया कि बैठक में सभी प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौैजूद रहे। सीएम योगी अलीगढ़, हमीरपुर और शामली में हुई घटनाओं से बेहद नाराज थे। सीएम योगी ने घटना के रिस्पांस टाईम को लेकर खास हिदायत दी है। अलीगढ़, हमीरपुर और शामली की घटनाओं को लेकर सख्त निर्देश दिए। घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए क्विक रिस्पांस के निर्देश दिए है। वहीं उन्होंने गरीब जनता से खास समन्वय बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गरीबों की भाषा गलत हो सकती है, उनका भाव नहीं। गरीब जनता की समस्या को समझने की आवश्यकता है।
सीएम योगी ने 15 से 20 जून तक सभी प्रशासनिक अधिकारियों को जिलों में निरीक्षण करने के निर्दश दिए हैं। वे सभी अस्पताल, तहसील का नीरिक्षण करेंगे और 20 जून इसकी रिपोर्ट पेश करेंगे। जिले की क्या समस्याएं है उसका पूरा जायजा लेकर सम्पूर्ण जानकारी रिपोर्ट के रूप में मुख्य सचिव के माध्यम से सीएम को पेश करेंगे। इसके बाद सीएम योगी खुद सभी अधिकारियों के साथ मंडलों में जाएंगे और वहां के विकास कार्यों का निरीक्षण करेंगे।
तैनाती स्थल पर नाइट हॉल्ट-
सीएम योगी ने सभी जिलों के एसएसपी और डीएम को जनता से कम से कम एक घंटा मिलने के निर्देश दिए है। साथ ही जो अधिकारी जहां तैनात है वहां नाइट हाल्ट करें। चाहे एसडीएम हों या सीओ या फिर एसओ हों, अगर वहां आवास नहीं हैं तो किराए के मकान में रहें। सीएम योगी गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग व शुक्रवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा भी करेंगे।
DGP OP Singh
डीजीपी ने भी की प्रेस वार्ता-
सीएम योगी संग बैठक के बाद डीजीपी ओपी सिंह ने भी प्रेस वार्ता की और बताया कि सीएम योगी ने उन्हें गो तस्करी को हर हाल में रोकने के निर्देश दिए हैं। साथ ही गंभीर अपराध की मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए गए हैं। जनता से जवाबदेही को तय करने को सीएम ने दिए निर्देश। थानाध्यक्ष की नियुक्ति मेरिट के बेसिस पर ही होनी चाहिए। साथ ही अभ फुट पेट्रोलिंग की जाएगी। डीजीपी ने आगे बताया कि यूपी 100 के रूट को फिर से बदला जाएगा व इसकी फिर से समीक्षा की जाएगी। अपराधियों को किसी भी दशा में छोड़ा नही जाएगा। ट्रैफिक व्यवस्था को मजबूत किया जाए। टॉप 10 अपराधियों की सूची हर थाने में होनी चाहिए। कानून व्यवस्था बेहतर करने के लिए जनता से सीधा संवाद किया जाएगा। वहीं तैनाती की जगह पर ही अधिकारियों व अफसरों को रात्रि विश्राम के निर्देश दिए गए हैं। ओपी सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री ने साइबर क्राइम पर भी जोर दिया है। हमने दो जगह साइबर थाने स्थापित किए हैं। एक लखनऊ और नोएडा में, गौ तस्करी को भी हर दशा में रोकने के लिए निर्देश दिया है। वहीं सीएम ने तीन चीजों पर विशेष ध्यान दिया है, दलित अपराध, अल्पसंख्यक अपराध और महिलाओं के साथ होने वाले अपराध।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो