scriptप्रदेश के 6 शहरों का DPR वापस, केंद्र ने पूछा क्या वाकई है मेट्रो की ज़रूरत ? | Center asks UP government to revise Metro DPR of 6 cities | Patrika News

प्रदेश के 6 शहरों का DPR वापस, केंद्र ने पूछा क्या वाकई है मेट्रो की ज़रूरत ?

locationलखनऊPublished: Sep 17, 2017 02:54:43 pm

Submitted by:

Dikshant Sharma

कम आबादी और लाभ के गणित में फेल होती दिख रही है।

Metro Projects UP

Lucknow Metro

लखनऊ। नयी मेट्रो पालिसी कई शहरों की मेट्रो परियोजना के सपने पर फिलहाल ब्रेक लगाती नज़र आरही हैं। प्रदेश में लखनऊ के अलावा जिन भी शहरों में मेट्रो रेल प्रस्तावित थी अब वहाँ का डीपीआर दोबारा तैयार किया जाना है। इनमें वाराणसी, कानपुर, आगरा, मेरठ, गोरखपुर और इलाहबाद शामिल हैं। नए डीपीआर को दोबारा मंजूरी के लिए केंद्र भेजा जाएगा। लेकिन इन सब के बीच सबसे बड़ी चिंता मेरठ और गोरखपुर के लिए है। कम आबादी और लाभ के गणित में फेल होती दिख रही है।
मेट्रो निर्माण में आने वाली करोड़ों की लगत को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के आवास विकास अधिकारियों से कहा कि छोटे शहरों में एक फिर देखा जाए कि क्या वहाँ मेट्रो की वाकई ज़रुरत है ? इसके अलावा परिवहन की जरूरतों के आधार पर मेट्रो के बजाय सार्वजनिक परिवहन के वैकल्पिक तरीकों को देखने के भी निर्देश दिए हैं। इस सम्बन्ध में केंद्र द्वारा दिल्ली मेट्रो के मुख्यालय में सभी मेट्रो के प्रबंध निदेशक,राज्यों के आवास सचिव, केंद्र के सलाहकारों और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की गयी।
छह शहरों की मेट्रो पालिसी पर पुनिर्विचार
नई नीति ने यूपी सरकार को फिर से छह शहरों में मेट्रो डीपीआर पर पुनर्विचार करने को कहा गया है। मेरठ और गोरखपुर जैसे छोटे शहरों में इस योजना को बदला भी जा सकता है। दरअसल मेट्रो परियोजना के लिए शहर की जनसँख्या 20 लाख से अधिक होनी चाहिए लेकिन मेरठ में 13 लाख और गोरखपुर में 7 लाख के करीब है। हालंकि छोटे शहरों की बनावट और ज़रुरत के आधार पर मेट्रो परियोजना को पास करा जा सकता है लेकिन अभी तक ऐसा किसी शहर में हुआ नहीं है।
कानपुर और वाराणसी के प्लान में करना होगा संशोधन
इसके अलावा कानपुर और वाराणसी का मेट्रो प्रोजेक्ट रिवाइज करके माँगा गया है। कानपुर मेट्रो का डिपो निर्माण जारी है। अधिकारियों का कहना है कि इस कार्य को रोका नहीं जाएगा। वाराणसी में ऐताहिसक इमारतों और धार्मिक स्थलों को देखते हुए रुट में कुछ बदलाव हो सकता है।
अधिकारियों का दावा, सभी शहरों में चल सकेगी मेट्रो
हालांकि यूपी के अधिकारियों का कहना है कि सभी शहरों के डीपीआर तैयार करने से पहले अच्छी तरह से शोध और विश्लेषण किया गया है। यूपी के प्रमुख सचिव आवास मुकुल सिंघल ने कहा कि हमारे डीपीआर विस्तृत हैं। इसलिए नई मेट्रो नीति के अनुसार उन्हें संशोधित करना और केंद्र से अनुमोदन प्राप्त करना मुश्किल नहीं होगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो