महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 1 लाख 73 हजार 445 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां और 1 लाख 50 हजार 796 सहायिकायें कार्यरत हैं। वर्ष 2011 से बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय में प्रमोशन नहीं मिला है। नियमों के मुताबिक, जिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने 10 साल की सेवा पूरी कर ली है, उनके प्रमोशन का प्रावधान है। लेकिन इन्हें कभी समय से प्रमोशन नहीं मिला और इनके प्रमोशन की फाइल निदेशालय में ही इधर से उधर घूमती रहती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इस झंझट से मुक्ति दिलाने के लिए नीति आयोग के सुझाव पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नये निर्देश जारी किये हैं।
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अब डीएम करेंगे आंगबाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रमोशनमहिला एवं बाल विकास मंत्रालय के नये निर्देशों के मुताबिक, अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सुपरवाइजर पद पर होने वाले प्रमोशन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित होने वाली समिति करेगी। छह मार्च को दिल्ली में नीति आयोग ने कार्यकर्ताओं की सेवा संबंधी समस्याओं के निस्तारण के लिये कई सुझाव दिये थे। इनमें एक सुझाव डीएम को प्रमोशन का अधिकार देने का भी था।
…तो प्रधानमंत्री के सुझाव पर हुआ अमल
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अति पिछड़े जिलों में कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए डीएम से लेकर अन्य विभागों के सक्रिय अधिकारियों को तैनात करने का सुझाव दिया था। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के उसी सुझाव को मानते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नये निर्देश जारी कर दिये हैं।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अति पिछड़े जिलों में कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए डीएम से लेकर अन्य विभागों के सक्रिय अधिकारियों को तैनात करने का सुझाव दिया था। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के उसी सुझाव को मानते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नये निर्देश जारी कर दिये हैं।