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अनाज वितरण घोटाले में एसटीएफ को मिली बड़ी कामयाबी, तीन को किया गिरफ्तार

locationलखनऊPublished: Sep 16, 2018 10:08:21 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

कोटेदारों-आपरेटरों ने अनाज वितरण में पारदर्शिता के लिए बनाए गए ऑनलाइन सिस्टम में ही सेंध लगा दी थी।
 

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अनाज वितरण घोटाले में एसटीएफ को मिली बड़ी कामयाबी, तीन को किया गिरफ्तार

लखनऊ. यूपी में अनाज घोटाला मामले में रविवार को यूपी एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिा। उत्तर प्रदेश के 43 जिलों में आधार नम्बरों में हेराफेरी करके करोड़ों रुपये के अनाज घोटाले के मामले में एसटीएफ ने रविवार बड़ी कामयाबी पाई। एसटीएफ ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
कुछ और बड़ खुलासे की जताई संभावना
एसटीएफ के मुताबिक छापेमारी के दौरान टीम ने कम्प्यूटर ऑपरेटर, कोटेदार और राशन कार्ड देने वाले युवकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस तीनों आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इन लोगों की गिरफ्तारी के बाद कुछ बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने बताया कि कोटेदारों और आपरेटरों ने आधार कार्ड के नम्बर को सैकड़ों बार बदलकर ई-पास मशीन से हजारों कुन्तल गेंहू-चावल की खरीदफरोख्त दिखा कर करोड़ों का वारा-न्यारा किया।
ऑनलाइन सिस्टम में ही सेंध लगा दी थी
जांच में खुलासा हुआ कि जालसाजों ने अनाज वितरण में पारदर्शिता के लिए बनाए गए ऑनलाइन सिस्टम में ही सेंध लगा दी थी। कोटेदारों ने कम्प्यूटर ऑपरेटर की मदद से लाभार्थियों के आधार नम्बर को संशोधित कर अपने परिचितों के आधार नम्बर को फीड कर दिया जाता था, फिर उनके जरिए गरीबों का अनाज निकाल लिया जाता था।
अनाज लेने के बाद असली लाभार्थी के आधार नम्बर को फिर से फीड कर दिया जाता था। इस जालसाजी के जरिए इन लोगों ने बड़ा अनाज घोटाला किया। इस मामले में खाद्य आयुक्तके निर्देश पर एफआईआर दर्ज कराई गईं। वहीं, खाद्य एवं रसद विभाग ने एसटीएफ की जांच में सूचनाओं को देने और समन्वय स्थापित करने के लिए अपर आयुक्त खाद्य अनूप शंकर को नोडल अधिकारी नामित किया था। अब एसटीएफ की इस कारवाई के बाद इस मामले में और बड़े खुलासे की संभावना है।
चार सितम्बर को मिली थी जांच
घोटाले की भनक अप्रैल में विभाग को लग गई थी। लेकिन विभाग के बड़े अफसर इसे पूरी तरह से पकड़ नहीं पा रहे थे। जब विभागीय जांच में हर महीने यह गड़बड़ी सामने आने लगी तो सितम्बर में शासन ने एसटीएफ को इसकी जांच सौंपी। खाद्य आयुक्त कार्यालय ने एसटीएफ को उन ट्रांजेक्शन का ब्योरा दिया था जिसमें राशन लेने के लिये एक ही आधार संख्या का इस्तेमाल एक महीने में कई बार किया गया था। इसके बाद ही जांच में यह पूरा गोरखधंधा सामने आ गया। इस सम्बन्ध में एसटीएफ ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज करायी है।
ऐसे दिया जाता है कोटे से राशन
खाद्य विभाग अंगूठा लगवाने के लिये एक ई-पास मशीन को कोटेदार को देता है। इस मशीन से वितरण के लिये उपभोक्ता के राशन कार्ड आईडी के सापेक्ष उसका आधार कार्ड नम्बर डालकर ई-पास मशीन पर अंगूठा लगवा लिया जाता है। एनआईसी के सर्वर पर इस आधार नम्बर और अंगूठे के निशान का मिलान सही होने पर कोटेदार राशन दे देता है। वर्तमान में इसी सिस्टम से राशन वितरण किया जा रहा है। घोटाला करने वालों ने इसी प्रक्रिया में सेंध लगा दी और कई महीनों तक विभाग को भनक तक नहीं लगी।

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