लखनऊ निवासी पंडित दिलीप दुवे ने बताया है कि नवरात्रि का पर्व चैत्र माह में 18 मार्च से शुरू होगा। चैत्र के महीने में नवरात्रि पड़ने से इस त्यौहार को चैत्र नवरात्रि पर्व कहते हैं और इस साल यह पर्व आठ दिन का रहेगा। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी-नवमी एक साथ 25 मार्च को एक ही दिन पड़ रही है। चैत्र नवरात्रि की अष्टमी-नवमी एक साथ पड़ने से यह स्थिति बनी है। इससे अष्टमी-नवमी का पूजन के एक ही दिन 24 मार्च को किया जाएगा। चैत्र नवरात्रि में हर दिन देवी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के आराधना के इन नौ दिनों में विविध प्रकार की पूजा से माता को प्रसन्न किया जाता है।
जिस प्रकार हर दिन मां का पूजन अलग अलग तरीकों से किया जाता है ठीक उसी प्रकार नवरात्रि में देवी को विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार प्रतिपदा से लेकर नौ तिथियों में देवी को विशिष्ट भोग अर्पित करने तथा ये ही भोग गरीबों को दान करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
नौ देवी को इस प्रकार लगाएं भोग
1. शैलपुत्री – नवरात्रि के पहले दिन यानि माता शैलपु्त्री के दिन आप घी का भोग लगाएं तथा उसका दान करें। इससे रोगी को कष्टों से मुक्ति मिलती है तथा वह निरोगी होता है।
2. ब्रह्मचारिणी – नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी का दिन है। माता को चीनी, मिश्री और दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं। परिवार के सारे संकट समाप्त होंगे। घर-परिवार में धन और धान्य की कभी कमी नहीं होगी। परिवार के सदस्यों के बीच मधुरता बनी रहेगी।
3. चंद्रघंटा : नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघण्टा का है। इस दिन साधक को मां को दूध अर्पित करना चाहिए, साथ ही दूध का दान करना चाहिए। ऐसा करने से सभी प्रकार के दु:खों से मुक्ति मिलती है।
4. कुष्मांडा : देवी का चतुर्थ स्वरूप है मां कुष्मांडा। इन देवी को गुड़ और शुद्ध घी से बने मालपुए का भोग लगाएं। मां प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण करेगी। देवी की कृपा से व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता मजबूत होती है और भ्रम दूर होता है। स्टूडेंट्स यह प्रयोग जरूर करें।
5. स्कंदमाता : पंचमी को मां दुर्गा के स्कन्दमाता स्वरूप का पूजन होता है। इस दिन माता दुर्गा को केले का भोग लगाएं तथा इसका दान करें। ऐसा करने से साधक की बुद्धि का विकास होता है।
6. कात्यायिनी: देवी का छठा स्वरूप है कात्यायिनी। इनकी सबसे प्रिय वस्तु है शहद। देवी को शहद का भोग लगाने से आपके जीवन में भी मिठास भर जाएगी। जीवन में किसी प्रकार का दुख नहीं रहेगा। पारिवारिक जीवन में मिठास आएगी। पति-पत्नी और संतानों के संबंध मधुर बनेंगे। ऐसे में घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा।
7. कालरात्रि : माता का सातवां स्वरूप कालरात्रि का है। इस दिन आपको गुड़ की वस्तुओं का भोग लगाना चाहिए साथ ही इसका दान भी करना चाहिए। यदि आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं तो इस दिन गुड़ का प्रसाद अवश्य लगाएं।
8. महागौरी : देवी का आठवां स्वरूप माता महागौरी है। इन्हें नारियल और नारियल से बनी मिठाई प्रिय है। नवरात्रि के आठवें दिन देवी को नारियल से बनी मिठाई का भोग लगाकर गरीबों को प्रसाद वितरित करें। इससे जीवन में धन का अभाव दूर होता है। प्रॉपर्टी खरीदने के योग ? बनते हैं।
9. सिद्धिदात्री : नवरात्रि के अंतिम दिन यानि नवमी को मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप का पूजन करें। इस दिन विभिन्न प्रकार के अन्नों का भोग लगाएं व यथाशक्ति गरीबों में दान करें। कहते हैं इससे साधक को लोक-परलोक में आनंद व वैभव मिलता है।