कलश स्थापना और कलश यात्रा का शुभ मुहूर्त
लखनऊ निवासी ज्योतिषाचार्य ने बताया है कि चैत्र नवरात्रि पर कलश स्थापना/घट स्थापना के लिए कलश यात्रा का शुभ मुहूर्त 6 अप्रैल को सुबह 06:35 मिनट से 10:17 मिनट तक रहेगा और कलश स्थापना/घट स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 10:35 से 11:47 मिनट तक रहेगा।
मां दुर्गा की स्थापना के लिए पूजा सामग्री
चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा की स्थापना के लिए चौकी, कलश/ घाट, लाल वस्त्र , नारियल फल, अक्षत, मौली, पुष्प, पूजा हेतु थाली, धुप और अगरबती, गंगाजल, कुमकुम, पान, दीप, सुपारी, कच्चा धागा, दुर्गा सप्तसती का किताब , चुनरी, पैसा, आदि को पूजन में शामिल करें।
देवी के नौ रूपों का ये है मतलब
चैत्र नवरात्रि का पर्व इस साल 2019 में 6 से 14 अप्रैल तक चलेगा। इन दिनों तीन देवी पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ रुपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंधमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री के रूप में पूजा की जाएगी। देवी पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के ये नौ रूप स्त्री के जीवनचक्र का संकेत होते हैं।
1. जब कन्या का जन्म होता है तो कन्या के उस रूप को “शैलपुत्री” कहा गया।
2. स्त्री की कौमार्य अवस्था को “ब्रह्मचारिणी” का रूप दिया गया।
3. महिला विवाह से पूर्व तक चंद्रमा के समान निर्मल होने से वह “चंद्रघंटा” समान कहलाती है।
4. नए जीव को जन्म देने के लिए गर्भ धारण करने पर वह “कूष्मांडा” स्वरूप में होती है।
5. संतान को जन्म देने के बाद वही स्त्री “स्कन्दमाता” हो कहलाने लगती है।
6. संयम व साधना को धारण करने वाली स्त्री कात्यायनी का रूप है।
7. अपने संकल्प से पति की अकाल मृत्यु को भी जीत लेने से वह “कालरात्रि” जैसी होती है।
8. संसार (कुटुंब ही उसके लिए संसार है) का उपकार करने से “महागौरी” हो जाती है।
9. धरती को छोड़कर स्वर्ग प्रयाण करने से पहले संसार में अपनी संतान को सिद्धि (समस्त सुख-संपदा) का आशीर्वाद देने वाली सिद्धिदात्री कहा जाता है।