बाद में प्रवचन में मुनि विशोक सागर महाराज ने कहा कि क्षमावाणी पर्व के माध्यम से जैन धर्म हमें क्षमाभाव सिखाता है। दिल से मांगी गई क्षमा हमें सज्जनता और सौम्यता के रास्ते पर ले जाती है। क्षमा अहिंसा और मैत्री का पर्व है। क्षमा से हृदय में शांति और मैत्री भाव उत्पन्न होता है। मन की शुद्धि से व्यक्ति का भय दूर हो जाता है। यात्रा में संजीव जैन, विकास जैन, आनन्द अखलेश जैन, रवि प्रकाश जैन आदि लोग थे।
आशियाना में विशिष्ट जनों का हुआ सम्मान आशियाना जैन मन्दिर में डा. अभय जैन के संचालन में श्रमावाणी पर्व मनाया गया। इस मौके पर समाज के विशिष्ट जनों को सम्मानित किया गया। सम्मान पाने वालों में कुसुम जैन, नरेश जैन, शान्ती कासलीवाल, आशा रानी, आभा जैन, महिला मण्डल सम्मान अल्पना जैन, किरन जैन, कमला जैन, और गीता जैन को मिला। चिकित्सा सम्मान सचिन यादव, अंशू यादव और मीनू को मिला।