हमारा जीवन अस्त व्यस्त हो गया है
अर्लाम की जरुरत पडती है

लखनऊ। चारबाग जैन मन्दिर में चल रहे प्रवचन में रविवार को जैन मुनि विशोक सागर महाराज ने कहा कि श्रावक (भक्त) के क्या धर्म होने चाहिए। गृहस्थ की क्या पहचान है गृहस्थ कौन है। उन्होंने कहा कि जो अस्त, व्यस्त और तनाव ग्रस्त होता है वही वास्तव में गृहस्थ होता है।
इसे भी पढ़े:चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी बोले सरकार ने छीन लिए हैं हमारे सारे हक़
हम सबकी प्रक्रिया भी अस्त व्यस्त रहती है। मुनिश्री ने कहा कि लोग देर में सोते है और जल्दी उठ जाते है। खाना पीना भी समय से नही हमारा जीवन अस्त व्यस्त हो गया है।
इसे भी पढ़े:नवीं राष्ट्रीय वोवीनाम मार्शल आर्ट चैम्पियनशिप गुवाहाटी, असम
उन्होंने कहा कि जब हम भगवान का नाम् लेकर सोते है तो रात्रि अच्छी होती है और सपने भी अच्छे आत है। आज लोग सोने के लिए गोली खाते है और उठने के लिए अर्लाम की जरुरत पडती है
ऐसा हो गया हमारा जीवन। जीवन को व्यवस्थित बनाये। इससे पूर्व मंगलाचरण नीरज ने व संचालन आशीष भैया ने किया।
अब पाइए अपने शहर ( Lucknow News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज