उन्होंने कहा कि यदि बिजली विभाग व सरकार ने मीटर लगाने से पहले अगर यूएटी किया होता तो आज न तो भार जंपिंग का मामला निकलता, न रीडिंग जंपिंग। मीटर परीक्षण करने गए अभियंताओं ने मीटर की संचार प्रणाली का परीक्षण नहीं किया। स्मार्ट मीटरों में भी गड़बड़ियां निकली हैं, जिसमें अब तीन माह में यूएटी करने के लिए प्रबंध निदेशक मध्यांचल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। अब सवाल ये उठता है कि यूएटी किए बिना स्मार्ट मीटर लगाने का काम क्यों शुरू कराया गया ।
उन्होंने कहा की पिछले तीन वर्ष में प्रदेश में लगभग 2000 हजार करोड़ रुपये के इलेक्ट्रॉनिक मीटर व लगभग 500 करोड़ रुपये के 12 लाख स्मार्ट मीटर की खरीद हुई है| इस मामले की भी गंभीरता से जांच होनी चाहिए। प्रदेश के मुख्य प्रवक्ता वैभव माहेश्वरी ने कहा की योगी सरकार दिवाली के मौके पर आम आदमी को बिजली के बढे हुए बिल का तोहफा देने की तैयारी में है| कोरोना की महामारी, बेकाबू महंगाई और बेरोज़गारी की वजह से पहले से ही दिवाली की रौनक में कमी है उस पर भी ये सरकार आम आदमी की जेब में कटाने से गुरेज नहीं कर रही है। यह चोरी और सीनाजोरी का मामला है पहले बिजली के मीटर के नाम पर अनाधृकित वसूली करनी वाली सरकार अब बिजली के दाम बढ़ाने की तैयारी में है ।
उन्होंने कहा राजनितिक प्रतिद्वंता अपनी जगह पर क्या योगी जी दिल्ली की केजरीवाल सरकार से नहीं सीख सकते की कैसे जनता से पैसे न लिए बिना उनको 200 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा सकती है या कैसे 200 से ऊपर यूनिट के इस्तेमाल करने पर न के बराबर पैसे लिए जा सकते है वो भी 24 घंटे की बिजली की सुचारु सप्लाई सुनिश्चित करते हुए । पार्टी ने अपने ब्यान में कहा है की जनता से जुड़े बिजली के इस अतिमहत्वपूर्ण मुद्दे पर वह योगी सरकार की गलत नीतियों और लूट का विरोध करती रहेगी ।