Bhai Dooj पर बहनों को मिला वरदान पंडित अरुण शुक्ला ने कहाकि देवी यमुना अपने भाई यमराज को देखकर बहुत प्रसन्न हुईं और उनकी पूजा अर्चना की। यमुना ने स्वयं अपने हाथों से भाई को भोजन बनाकर खिलाया। यमराज ने यमुना को वरदान दिया कि अब से कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को Bhai Dooj के नाम से जाना जाएगा। उन्होंने बतायाकि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाकर उनके हाथों से बना भोजन ग्रहण करेगा उसे यम का भय और अकाल मृत्यु का डर नहीं रहेगा। शास्त्रों में इस दिन यमुना में स्नान करना का भी विधान बताया गया है।
Bhai Dooj का सही समय , शुभ मुहूर्त पंडित अरुण शुक्ला ने बतायाकि इस वर्ष 29 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 13 मिनट से द्वितीया तिथि आरंभ हो रही है। द्वितीया तिथि 30 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। शास्त्रों के अनुसार भाई दूज का त्योहार सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त से पहले द्वितीया तिथि में मनाना चाहिए। शाम 5 बजकर 38 मिनट पर सूर्यास्त हो जाएगा। इस समय से पूर्व यह त्योहार शुभ चौघड़िया में मनाना चाहिए।
Bhai Dooj शुभ चौघड़िया और पूजन समय सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 5 मिनट तक लाभ चौघड़िया रहेगा। इस समय पूजन करना उत्तम रहेगा। इसके बाद 1 बजकर 30 मिनट तक अमृत चौघड़िया में भी त्योहार मनाया जा सकता है। अंतिम शुभ चौघड़िया 2 बजकर 50 मिनट से 4 बजकर 14 मिनट तक रहेगाll