पहला पायलट प्रॉजेक्ट चार जिलों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर बुधवार को बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने स्थानीय भाषाओं की किताबें लॉन्च कीं। अब इन किताबों को मथुरा, गोरखपुर, ललितपुर और बाराबंकी जिलों में कक्षा एक और दो के छात्र-छात्राओं तक एक या दो दिन में पहुंचा दिया जाएगा। पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर तैयार की गईं इन किताबों को अभी चार बोलियों ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली और अवधी में तैयार किया गया है। इसका लाभ सीधे ग्रामीण जनता के सीधेसाधे बालकों व बालिकाओं को मिलेगा।
एक ही पाठ्यक्रम और इलाकाई 15 भाषाएं सर्व शिक्षा अभियान के संयुक्त निदेशक अजय सिंह ने बताया कि इस पहल से छात्रों को उनकी ही भाषा से पाठ समझने और याद करे में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि अभी हर भाषा में 15 पुस्तकें छापी गई हैं। चार जिलों में के चारों जिलों में से हर एक जिले में दस स्कूलों को चुना गया है, जहां इन किताबों को बच्चों में बांटा जाएगा। इससे बच्चे अपनी ही मूल भाषा में अध्ययन करने में सफल होंगे। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में शिक्षक एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में पोस्ट होते हैं। जैसे मेरठ के शिक्षक को गोरखपुर में तैनाती दे दी जाती है। ऐसे में उसे पढ़ाने में कोई समस्या न हो इसलिए हिंदू पाठ्यपुस्तक की सामग्री को ही स्थानीय भाषा में किया गया है।