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यूपी के प्राइमरी पाठशाला के बच्चे भोजपुरी और अवधी में भी पढ़ेंगे किताबें

locationलखनऊPublished: Sep 12, 2019 11:49:28 am

Submitted by:

Anil Ankur

एससीइआरटी ने तैयार किया पाठ्यक्रम
 

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Children of UP’s primary school will also read books in Bhojpuri and Awadhi


यूपी के प्राइमरी पाठशाला के बच्चे भोजपुरी और अवधी में भी पढ़ेंगे किताबें
एससीइआरटी ने तैयार किया पाठ्यक्रम


लखनऊ । यूपी सरकार गांव के बच्चो को उन्हीं की भाषा में पढऩे के लिए किताबें ला रही है। एससीईआरटी ने इन पुस्तकों को हरी झंडी दे दी है। गांव के ऐसे बच्चों को सहज महसूस कराने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने भोजपुरी और अवधी सहित स्थानीय बोलियों में पाठ्यपुस्तकें तैयार की हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चे स्थानीय भाषाओं में किताबें पढऩे के बाद जल्दी सीखेंगे और उनकी झिझक भी दूर होगी। यह एक सफल प्रयोग होगा।
पहला पायलट प्रॉजेक्ट चार जिलों में

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर बुधवार को बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने स्थानीय भाषाओं की किताबें लॉन्च कीं। अब इन किताबों को मथुरा, गोरखपुर, ललितपुर और बाराबंकी जिलों में कक्षा एक और दो के छात्र-छात्राओं तक एक या दो दिन में पहुंचा दिया जाएगा। पायलट प्रॉजेक्ट के तौर पर तैयार की गईं इन किताबों को अभी चार बोलियों ब्रज, भोजपुरी, बुंदेली और अवधी में तैयार किया गया है। इसका लाभ सीधे ग्रामीण जनता के सीधेसाधे बालकों व बालिकाओं को मिलेगा।
एक ही पाठ्यक्रम और इलाकाई 15 भाषाएं

सर्व शिक्षा अभियान के संयुक्त निदेशक अजय सिंह ने बताया कि इस पहल से छात्रों को उनकी ही भाषा से पाठ समझने और याद करे में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि अभी हर भाषा में 15 पुस्तकें छापी गई हैं। चार जिलों में के चारों जिलों में से हर एक जिले में दस स्कूलों को चुना गया है, जहां इन किताबों को बच्चों में बांटा जाएगा। इससे बच्चे अपनी ही मूल भाषा में अध्ययन करने में सफल होंगे। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में शिक्षक एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में पोस्ट होते हैं। जैसे मेरठ के शिक्षक को गोरखपुर में तैनाती दे दी जाती है। ऐसे में उसे पढ़ाने में कोई समस्या न हो इसलिए हिंदू पाठ्यपुस्तक की सामग्री को ही स्थानीय भाषा में किया गया है।
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