राजनीति में ऐसे कई राजनेता हुए है जिन्हे किसी न किसी आरोप में जेल की हवा खानी पडी है। चारा घोटाले में लालू प्रसार यादव हों अथवा तमिलनाडु की सीएम रहीं जयललिता। दक्षिण की राजनीति के एक और शिखर पुरूष पूर्व दूरसंचार मंत्री और द्रमुक नेता ए राजा का नाम भी इसी सूची में शामिल है। वह 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में 15 महीने दिल्ली की तिहाड़ जेल में काटने के बाद जमानत पर जेल से बाहर आए। इसी मामले में तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करूणानिधि की बेटी कनिमोझी भी छह महीने जेल में रहीं। जयललिता और उनकी करीबी शशिकला समेत तीन लोगों को सितंबर 2014 में चार साल की जेल और 100 करोड़ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई। वह 21 दिन बेंगलोर केन्द्रीय कारागार में रही।
दक्षिण भारत के ही एक और नेता भाजपा के पूर्व अध्यक्ष बंगारु लक्ष्मण को दिल्ली की एक अदालत ने फर्जी हथियार सौदा मामले में एक लाख रुपये की घूस लेने के लिये चार साल कैद की सजा सुनाई थी। इसी तरह भाजपा के एक और नेता और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा को भी जमीन की अनियमितताओं के एक मामले में अक्टूबर 2011 में गिरफ्तार कर 25 दिन के लिए जेल भेजा जा चुका है।
ओलंपिक संघ के पूर्व अध्यक्ष और राष्ट्रमंडल खेल 2010 के अध्यक्ष को कलमाडी को भी राष्ट्रमंडल खेल घोटाले के मामले में 2011 में सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। उत्तर प्रदेश के जो नेता विभिन्न आरोपों में जेल में गए हैं उनमें इंजीनियर की हत्या के मामले में औरैया के शेखर तिवारी, लड़की से रेप करने के मामले में बांदा के राम नरेश द्विवेदी, मधुमिता कांड में अमर मणि त्रिपाठी आज भी जेल में हैं। त्रिपाठी की पत्नी भी जेल में हैं। हत्या के मामले में हमीरपुर के एक और विधायक अशोक सिंह चंदेल को जेल के सींखचों में भेज दिया गया है। उनकी विधायकी भी खत्म कर दी गई है। उन्नाव में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर हत्या और रेप का मुकदमा चल रहा है। वह भी जेल में हैं।