चित्रकूट में खदानों में मजदूरी के लिए गरीब नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण का मामला एक निजी न्यूज चैनल पर दिखाए जाने के बाद डीएम शेषमणि पांडे ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है। इस बीच दिल्ली महिला आयोग सहित अन्य सामाजिक संगठनों ने योगी सरकार से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने को कहा है।
चित्रकूट के जिलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने टिवीट किया है कि इस घटना की गहन जांच करने के लिए मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए हैं, इस निंदनीय कृत्य में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी तथा किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। मंगलवार को एक निजी चैनल ने अपनी रिपोर्ट में दिखाया था कि चित्रकूट के खदानों में ठेकेदारों व बिचौलियों के द्वारा गरीब लड़कियों का यौन शोषण किया जाता है।
डीएम से लेकर अन्य अफसर घटना स्थल पर पहुंचे और पीडि़तों से बात की। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि चित्रकूट में चंद रुपयों के लिए खनन के धंधे में लगे कुछ सफेदपोश मासूम बच्चियों का शोषण कर रहे थे। मजबूरी का फायदा उठाकर सौ-डेढ़ सौ रुपए की मजदूरी के बदले मासूम बच्चियों का यौन शोषण हो रहा था। पता चला कि दिन भर हाड़तोड़ मेहनत करने के बाद शाम को मेहनताना हासिल करने के लिए उन्हें अपनी देह सौंपनी पड़ती थी। इस काम में ठेकेदार और बिचौलिए लिप्त हैं।
दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष ने भी की कार्रवाई की मांग :- मामला उजागर होने के बाद दिल्ली महिला आयोग की चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर योगी आदित्यनाथ सरकार से मामले में तुरंत सख्त कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने लिखा, “उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में 10 से 18 साल की बच्चियों के साथ खदानों में काम के बहाने दरिंदगी की जा रही है। ऐसा कैसे हो सकता है कि इन नन्ही बच्चियों को इस तरह नोचा जा रहा है और प्रशासन को भनक तक नहीं है? बेहद शर्मनाक! योगी जी, तुरंत सख्त ऐक्शन करवाए!