लखनऊ

अयोध्या विवादित भूमि मामले की सुनवाई से पहले CJI के खिलाफ महाभियोग की उठी मांग, महंत धर्मदास ने दिया बड़ा बयान

राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के एक दिन पहले राम जन्मभूमि निर्माण समिति के पक्षकार महंत और निर्वाणी अखाड़े के महंत धर्मदास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा है।

लखनऊJan 03, 2019 / 08:57 pm

Abhishek Gupta

Ram Temple SC

लखनऊ. राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के एक दिन पहले राम जन्मभूमि निर्माण समिति के पक्षकार महंत और निर्वाणी अखाड़े के महंत धर्मदास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा है। पत्र में जहां उन्होंने पीएम मोदी के हाल के इंटरव्यू में इस मामले पर दिए गए बयान का समर्थन किया है तो वहीं चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को केस से हटाए जाने की मांग की है।
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चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के खिलाफ लाए महाभियोग-

महंत धर्मदास ने मंदिर मामले की सुनवाई को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की ओर से अनिच्छा जाहिर किए जाने और केस को प्राथमिकता से बाहर बताये जाने पर कहा है कि अदालत पहले ही स्थापित कर चुकी है कि विवादित भूमि भगवान राम की होनी चाहिए। जब एक मुख्य न्यायाधीश 70 साल पुराने मामले को प्राथमिकता पर सूचीबद्ध नहीं कर सकता है, तो ऐसे मुख्य न्यायाधीश का क्या उपयोग? हमें उन पर विश्वास नहीं है और इसलिए हम उन्हें इस केस से हटाना चाहते हैं। महंत धर्मदास ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के खिलाफ महाभियोग लाकर उन्हें बर्खास्तगी करने की भी केंद्र सरकार से मांग की है। महंत धर्मदास ने कहा कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के खिलाफ महाभियोग लाने के लिए पीएम मोदी, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर दे दिया गया है।
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आरएसएस और विहिप के नेताओं पर साधा निशाना-

वहीं उन्होंने राम मंदिर को लेकर फैलाई जा रही झूठी अफवाह पर भी कटाक्ष किया। आरएसएस और विहिप के नेताओं पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा है कि ये लोग अपनी ही सरकार की मुश्किलें बढ़ाने में लगे हैं। राम मंदिर का निर्माण कानून के जरिए संभव ही नहीं है। विवादित मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है। इस वजह से इस मामले में केंद्र सरकार कानून नहीं ला सकती है।
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