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इन मुश्किलों को पार करके ही दोबारा CM बन पाएंगे अखिलेश

locationलखनऊPublished: Oct 17, 2016 05:02:00 pm

Submitted by:

Kaushlendra Singh

अखिलेश की राह में रोड़ा बन गयी ये बड़ी बातें, पढ़िए क्या होंगी बड़ी चुनौतियां

Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav

– कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह

लखनऊ।
पिछले कुछ दिनों से समाजवादी पार्टी और यादव परिवार की जो तस्वीर मीडिया में आ रही है उससे यह साफ हो चुका है कि आने वाला समय अखिलेश यादव के लिए चुनौतियों से भरा हुआ है। एक ओर जहां उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव जैसी कठिन परीक्षा से गुजरना है तो दूसरी ओर अपने ही सगे-संबंधियों को भी साधना जरूरी है। कुल मिलाकर अखिलेश को अगले चुनाव में दोहरी लड़ाई लड़नी है। आइए एक-एक नजर डालते हैं जो अखिलेश के राह की बड़ी चुनौतियां होंगी…

मोदी की लहर

भाजपा ने साफ कर दिया है कि वह प्रदेश में कोई मुख्यमंत्री उम्मीदवार नहीं उतारेगी। यूपी में भी वह मोदी के चेहरे के साथ ही चुनाव लड़ेगी। लोकसभा चुनावों के समय से बनी मोदी लहर अभी भी कायम है इसका प्रमाण ताजा चुनावी सर्वे में सामने आ चुका है। अखिलेश को मोदी लहर का मजबूती के साथ सामना करना होगा।

माया की सोशल इंजीनियरिंग

मायावती एक बार फिर अपना सोशल इंजीनियरिंग वाला प्रयोग एक बार फिर करने की तैयारी में हैं। दलित वोटों के अलावा इस बार उनकी नजर सवर्ण (खासकर ब्राह्मण) और मुस्लिम वोट बैंक पर भी है। इसके अलावा अन्य जातियों के सिपहसालार भी उन्होंने मैदान में उतार दिए हैं। माया की इस चाल का जवाब भी अखिलेश को बहुत ही रणनीतिक तरीके से देना होगा।

कांग्रेस के चुनावी वादे


27 साल पहले खोई सत्ता वापस पाने के लिए पूरे दम से लगी कांग्रेस पार्टी को इस बार अपने चुनावी वादों से बड़ी उम्मीदें हैं। 27 साल, यूपी बेहाल और कर्जा माफ, बिजली बिल हाफ के बाद अब कांग्रेस ने पिछड़ा आरक्षण के बीच अति पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने की बात कही है। अखिलेश को विरोधी दलों के लोक-लुभावने चुनावी वादों से भी सूझबूझ के साथ लड़ने की जरूरत है।

शिवपाल का सत्ता संघर्ष

पिछले कुछ समय में सपा और यादव परिवार में जो कुछ भी हुआ राजनीतिक पंडित उसका निष्कर्ष सत्ता-संघर्ष मानते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक यह पूरी कवायद अपनी ताकत दिखाने और सत्ता हथियाने की है। हाल ही में शिवपाल ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा भी था कि कुछ लोगों को विरासत में सबकुछ मिल जाता है और कुछ लोग जीवन पर्यन्त संघर्ष करते रह जाते हैं।

मुलायम की बात


अखिलेश से पिछले कुछ दिनों से मुलायम सिंह यादव खासे नाराज चल रहे हैं। सपा के मुखिया की बात काटने की हिम्मत पार्टी में किसी की नहीं है। इस बात की तस्दीक खुद अमर सिंह भी कर चुके हैं, अभी हाल ही में उन्होंने कहा था, न लेखा-न बही जो नेता जी कहें वही सही। मुलायम सिंह के तल्ख तेवर देखकर तो यही लगता है कि आने वाले समय में सपा में वही होगा जो वह चाहेंगे।
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