script19 दिसम्बर की हिंसा की जांच हाइकोर्ट के सिटिंग जज से कराए सरकार- शाहनवाज आलम | CM police officers and unionists should brought under scrutiny | Patrika News

19 दिसम्बर की हिंसा की जांच हाइकोर्ट के सिटिंग जज से कराए सरकार- शाहनवाज आलम

locationलखनऊPublished: Dec 19, 2020 09:36:36 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

जांच के दायरे में मुख्यमंत्री, पुलिस अधिकारी और संघियों को लाया जाए

19 दिसम्बर की हिंसा की जांच हाइकोर्ट के सिटिंग जज से कराए सरकार- शाहनवाज आलम

19 दिसम्बर की हिंसा की जांच हाइकोर्ट के सिटिंग जज से कराए सरकार- शाहनवाज आलम

लखनऊ, पिछले साल 19 दिसम्बर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लखनऊ में हुए प्रदर्शन की बरसी पर अल्पसंख्यक कांग्रेस ने उस आंदोलन में हुई हिंसा में पुलिस प्रशासन की भूमिका की हाई कोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच कराने की मांग की है।
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज आलम ने जारी बयान में कहा कि उस स्वतः स्फूर्त जनआंदोलन को तोड़ने और बदनाम करने के लिए सरकार ने अपने गुंडों और पुलिस के गठजोड़ से हिंसा कराई थी। जिसकी जांच अगर ईमानदारी से कराई जाए और उसके दायरे में मुख्यमंत्री, पुलिस के आला अधिकारियों और संघ के पदाधिकारियों को लाया जाए तो सच्चाई सामने आ जायेगी।
शाहनवाज आलम ने कहा कि इस आंदोलन को बदनाम करने के बाद एक रणनीति के तहत सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों को जेल भेजा गया। जबकि पुलिस उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत तक नहीं दे पाई। जमानत पाए ऐसे तमाम लोगों से मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोधी होने के कारण 17 दिनों तक जेल में रहने वाले शाहनवाज आलम ने कहा कि इस आंदोलन को बदनाम करने के लिए प्रशासन ने हिंसा करवाया जिसमें पूरे प्रदेश में 22 बेगुनाह मुसलमानों की हत्या पुलिस और पुलिस की वर्दी में संघी तत्वों ने की थी। शाहनवाज आलम ने कहा कि न्यायालय की अवमानना करते हुए भी सरकार लोगों के घर क्षतिपूर्ति की नोटिस भेज रही है जो उसके कानून विरोधी आपराधिक मानसिकता को दर्शाता है।
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