लखनऊ

सीएम योगी का बहुत बड़ा फैसला, सभी मंत्री खुद देंगे इनकम टैक्स, जारी हुआ आदेश

उत्तर प्रदेश सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री समेत पूरे मंत्रिमंडल को मंत्री के तौर पर दिए जाने वाले वेतन-भत्ते पर बहुत बड़ा फैसला लिया है।

लखनऊSep 13, 2019 / 11:06 pm

Neeraj Patel

सीएम योगी का बहुत बड़ा फैसला, सभी मंत्री खुद देंगे इनकम टैक्स, जारी हुआ आदेश

लखनऊ. चार दशकों से मुख्यमंत्रियों व सभी मंत्रियों के इनकम टैक्स को सरकारी खजाने से भरने की व्यवस्था का संज्ञान लेते हुए सीएम योगी ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया है। इस मामले पर सीएम योगी ने कहा है कि राज्य सरकार 38 वर्षों से साल-दर-साल अपने खजाने से मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों का आयकर भरते चली आ रही है। विश्वनाथ प्रताप सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते 1981 में इस व्यवस्था का सूत्रपात किया था। यह तथ्य उजागर होने पर इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि योगी सरकार ने लगभग चार दशकों से जारी इस व्यवस्था को खत्म करने का फैसला कर लिया है। इस पर वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना का कहना है कि मुख्यमंत्री ने निर्णय लिया है कि सरकार द्वारा आयकर अदा करने संबंधी व्यवस्था को खत्म किया जाएगा। ऐसे में अब मुख्यमंत्री और मंत्रियों को अपने वेतन-भत्ते पर लागू आयकर खुद भरना होगा।

योगी सरकार का कहना है कि प्रदेश में यह व्यवस्था जो ‘उत्तर प्रदेश मिनिस्टर्स सैलरीज, एलाउएंसेज एंड मिसलेनियस एक्ट, 1981’ के तहत लागू है। उसमें जल्द ही बदलाव किए जाएंगे। तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने इस कानून को बनाए जाने के दौरान इसकी वकालत करते हुए कहा था कि सरकार के ज्यादातर मंत्री कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि के हैं और उनकी आमदनी बहुत कम है। लिहाजा उन्हें मंत्री के तौर पर मिलने वाले वेतन-भत्ते पर पडऩे वाले आयकर के बोझ को राज्य सरकार वहन करे। संबंधित एक्ट में यह प्रावधान है कि मंत्रियों को मिलने वाला वेतन आयकर से मुक्त रहेगा।

विभिन्न दलों के तकरीबन 1000 मंत्री शामिल

योगी सरकार ने ये भी कहा कि विश्वनाथ प्रताप सिंह के मुख्यमंत्री रहने से अब तक प्रदेश ने 19 मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल देखे हैं। इनमें कांग्रेस के नारायण दत्त तिवारी, श्रीपति मिश्र और वीर बहादुर सिंह, समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, बहुजन समाज पार्टी की मायावती और भाजपा के कल्याण सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ की सरकारें और उनमें शिरकत करने वाले विभिन्न दलों के तकरीबन 1000 मंत्री शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2018-19 में मंत्रिमंडल के आयकर का बिल लगभग 86 लाख रुपये था जिसे सरकारी खजाने से अदा किया गया था।

जानिए मंत्रियों को कितना मिलता है वेतन

मुख्यमंत्री और मंत्रियों को प्रतिमाह एक लाख 64 हजार रुपये मिलते हैं। यह धनराशि मूल वेतन और भत्तों को मिलाकर है। इसमें 40 हजार रुपये मूल वेतन, 50 हजार रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, 30 हजार रुपये चिकित्सा प्रतिकर भत्ता, 20 हजार रुपये सचिवालय भत्ता और 800 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 24 हजार रुपये दैनिक भत्ता दिए जाते हैं। मुख्यमंत्री और मंत्रियों का मूल वेतन पहले 12 हजार रुपये प्रतिमाह था जिसे अखिलेश यादव की सरकार में बढ़ाकर 40 हजार रुपए किया गया। इसके पहले वर्ष 1981 में मुख्यमंत्री का वेतन बढ़ाया गया था।

योगी सरकार में ये मंत्री नहीं लेते वेतन

योगी सरकार में एक ऐसे भी मंत्री हैं जिन्होंने मंत्री पद की शपथ के बाद ही वेतन लेने से इंकार कर दिया था। स्टांप व पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने पिछले दिनों हुए मंत्रिमंडल विस्तार में शपथ ली थी कि वह अपना मूल वेतन नहीं लेंगे। तब से उन्होंने अपना मूल वेतन नहीं लिया है।

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