ट्वीट पर नहीं होता कोई ऐक्शन दरअसल कोई भी दिन ऐसा नहीं होता जब सीएम ऑफिस या सीएम योगी आदित्यनाथ को टैग करके सैकड़ों की संख्या में फरियाद न आएं। लेकिन अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि ट्विटर पर टैग उन फरियादों को कोई गंभीरता से नहीं लेता जिसकी वजह से कोई ऐक्शन भी नहीं हो पाता। ऐसा भी देखने को मिला है कि जो भी शिकायतें आती हैं उनमें से ज्यादातर पुलिस, अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही और जमीन-जायजाद से जुड़ी होती हैं। इसके अलावा घर के आस-पास गंदगी, सड़क न बनी होना, बिजली न आना, योजनाओं का लाभ न मिलना, तहसील या थाना दिवस पर दी गई फरियाद पर कार्रवाई न होने जैसे भी ट्वीट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सीएम ऑफिस को टैग होते हैं। फरियादी को अपने ट्वीट के जवाब का इंतजार रहता है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि न तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ट्विटर से कोई संज्ञान लिया जाता है और न ही सीएम ऑफिस कोई एक्शन लेता है। हालांकि कई बार ये देखने को भी मिला कि कुठ ट्वीट पर सरकार की तरफ से कार्रवाई की गई, जिससे फरियादियों को राहत भी मिली। लेकिन ज्यादातर फरियादियों को ट्वीट करने के बाद निराशा ही हाथ लगती है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए सख्त निर्देश उन्नाव गैंगरेप मामला सीएम दफ्तर या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग ट्वीट को नजरअंदाज करने का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्नाव गैंगरेप मामले में पीड़ित लड़की के घरवालों के मुताबिक उन लोगों ने सीएम ऑफिस को टैग करके हुए कई बार ट्वीट किया लेकिन कभी कोई जवाब नहीं आया। उसके बाद जब इस बात का खुलासा हुआ तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी पूरी सोशल मीडिया की टीम को बुलाया और सभी को सख्त निर्देश दिए कि हर विभाग की आ रही शिकायतों का अलग-अलग डेटा तैयार हो। इसके साथ ही पूरा ब्योरा तैयार करके उन शिकायतों पर तत्काल एक्शन लिया जाए। जिससे पीड़ितों की शिकायतों का निस्तारण हो सके। सीएम योगी ने ये भी निर्देश दिए कि जो भी शिकायतें आएं उन पर जो कार्रवाई हो, उसकी जानकारी भी ट्वीट करने वाले फरियादी को दी जाए।