अयोध्या को लेकर होगा ये फैसला ज्यादातर मंगलवार को होने वाली कैबिनेट (Yogi Cabinet Decision on Ayodhya) की बैठक इस बार सोमवार को हो रही है। कैबिनेट की बैठक में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव अयोध्या सीमा विस्तार का बताया जा रहा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में श्रीराम मंदिर बनाने का रास्ता साफ हो गया है। मंदिर बनने के बाद अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में तेजी से इजाफा होगा। इसी को देखते हुए राज्य सरकार अयोध्या का सीमा विस्तार करना चाहती है, जिससे यहां आने वालों को बेहतर सुविधाएं दी जा सकें। इसके साथ ही बहराइच, सिद्धार्थनगर, बदायूं और कानपुर देहात समेत 20 जिलों में चार नगर पंचायतों का सीमा विस्तार किया जाएगा और 16 नई बनाई जाएगी।
पहले 22 गांव का था प्रस्ताव अयोध्या नगर निगम से सटे हुए 41 राजस्व गांव के निगम में शामिल होने के बाद अयोध्या नगर निगम का क्षेत्रफल बढ़ जाएगा। अयोध्या नगर निगम के विकास के लिए राज्य सरकार तेजी से प्रयास कर रही है। पहले नगर निगम में केवल 60 वार्ड थे। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद नगर पालिका से नगर निगम बनाया गया था। नगर निगम के विस्तारीकरण की योजना बहुत पहले बनाई गई थी। पहले नगर निगम के केवल 22 गांवों को शामिल करना था, लेकिन अब बदलते परिवेश में नगर निगम से सटे 41 गांव को नगर निगम में शामिल किया जा रहा है।
जल्द शुरू होगा काम इस संबंध में नगर निगम के प्रस्ताव पर आज राज्य सरकार मुहर लगा देगी। जिसके बाद नगर निगम अपने विस्तारीकरण का कार्य शुरु कर देगा। नगर निगम के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय ने बताया कि शासन से प्रस्ताव पर मुहर लगते ही कार्य शुरू हो जाएगा। ऐसे में इन गांवों की करीब एक लाख आबादी को फायदा मिलेगा। साथ ही नगरनिगम क्षेत्र की आबादी सवा दो लाख से बढ़कर सवा तीन लाख हो जाएगी।
बनेगी पटरी दुकानदार नीति इसके साथ ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फुटपाथ पर कारोबार करने वाले दुकानदारों के लिए बनी नियमावली में संशोधन किए जाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। नियमावली को संशोधित करते हुए इसमें फुटपाथ कारोबारियों के यूनियन के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा, जिससे उनके हित के बारे में बेहतर फैसला किया जा सके। प्रदेश में बड़े उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए मेगा परियोजनाओं को रिफंड देने संबंधी प्रसताव को भी मंजूरी के लिए रखा जा सकता है। इसके अलावा पर्यटन और संस्कृति विभाग के कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी कैबिनेट मंजूरी के लिए रखा जा सकता है।