मायावती के समय बदली गई थी वर्दी वर्ष 2007 में सत्ता संभालने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के निर्देश पर डीजीपी मुख्यालय ने ट्रैफिक पुलिस की वर्दी में खाकी पैंट और कैप की जगह नीली पैंट और कैप शामिल की थी। विरोधी पार्टियों ने इसे मुद्दा बना लिया। आरोप लगा कि बीएसपी ने पार्टी के झंडे के रंग के प्रचार के लिए ट्रैफिक पुलिस की वर्दी का इस्तेमाल किया है। उस दौरान भी सरकार की तरफ से सफाई दी गई थी कि ट्रैफिक पुलिस अलग दिखे, इसलिए बदलाव किया गया है।
2012 में भी बदली गई थी वर्दी 2012 में सत्ता संभालने के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने 25वें फैसले में माया सरकार के ट्रैफिक पुलिस की वर्दी बदलने के आदेश को पलट दिया था। इसके लिए एक कमिटी का गठन किया गया। वर्दी में किए गए बदलाव को लेकर राय ली गई। कमिटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि नीली कैप और नीली पैंट का ड्रेस कोड निजी कंपनियों के सुरक्षा गार्डों से मिलता है। ये ट्रैफिक पुलिस के लिए ठीक नहीं है। अखिलेश सरकार ने 22 मई 2012 को ट्रैफिक पुलिस की पैंट और कैप दोनों नीले से बदलकर खाकी कर दिए।