पहली ही कैबिनेट बैठक में माफ हुआ किसानों का कर्ज योगी सरकार बनने के बाद उत्तर प्रदेश के करोड़ों किसानों को जिस फैसले का इंतजार था उसकी घोषणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में कर दी थी। सीएम योगी ने पहली ही कैबिनेट बैठक में किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने का फैसला लिया था। सरकार ने यूपी के 86 लाख लघु-सीमांत किसानों का कर्ज माफ किया था। इसके तहत छोटे और मझोले किसानों का 1 लाख रुपये तक का फसली ऋण माफ हुआ था। आंकड़ों के मुताबिक इस पर सरकार को करीब 30 हजार 729 करोड़ रुपये खर्च करने पड़े थे। वहीं 7 लाख किसानों का 5630 करोड़ एनपीए भी सरकार ने माफ किया गया था। यानी किसानों को कुल 36395 करोड़ रुपये की सौगात दी गई था। सरकार ने इन तमाम मदों का पैसा किसान राहत बॉन्ड जरिए जुटाया था।
किया गया करोड़ों का भुगतान इसके अलावा योगी सरकार के चार साल के कार्यकाल की अगर बात करें तो इस दैरान भी विभिन्न योजनाओं के तहत करोड़ों रुपए का अनुदान सीधे किसानों के बैंक खाते में पहुंचा है। वहीं किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पाने के लिए योगी सरकार की चार सालों की कोशिशों का असर भी अब जमीन पर दिखने लगा है। किसानों को खेती संबंधी नवीनतम जानकारियां और तकनीकी लाभ दिलाने के लिए अनूठे प्रयोग भी किये गए। किसान पाठशालाओं में प्रदेशभर के लाखों को प्रशिक्षित किया गया और 20 नए कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना भी की गई।
सरकार को करनी पड़ी थी मशक्कत दरअसल बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान यूपी के अपने संकल्प पत्र में किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी हर चुनावी रैली में वादा किया था कि यूपी में बीजेपी सरकार आई तो पहली कैबिनेट बैठक में कर्ज माफ करने का फैसला लिया जाएगा। वहीं जब प्रदेश में बीजेपी की भारी बहुमत से सरकार बनी तो योगी कैबिनेट की पहली बैठक सरकार बनने के 16 दिन बाद हुई। माना जा रहा है कि योगी सरकार को सबसे ज्यादा मशक्कत उस समय किसानों के कर्ज माफ करने के फॉर्म्युले को लेकर करनी पड़ी थी।