लखनऊ

गंगा यात्रा के बहाने युवाओं को साधने की कोशिश, पर्यटन को धार देगी सरकार

– नदी के किनारे बसे गांवों में गंगा पार्क, गंगा तालाब और गंगा मैदान का होगा निर्माण- तटवर्ती क्षेत्रों में होम स्टे और गेस्ट हाउस बनाने के लिए कंपनियों से होगा एमओयू- विधायक निधि से धार्मिक स्थल के विकास पर खर्च होंगे 50 लाख

लखनऊJan 25, 2020 / 04:00 pm

Hariom Dwivedi

धर्म और धन से जुड़ी सीएम की इस महत्वाकांक्षी योजना के जरिए सूबे के 26 जिलों के लाखों बेरोजगारों को सीधे जोड़ने की तैयारी है

पत्रिका एक्सक्लूसिव
महेंद्र प्रताप सिंह
लखनऊ. अयोध्या में राममंदिर निर्माण बेशक भाजपा के कोर एजेंडे में शामिल है। लेकिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता अब मंदिर नहीं मां गंगा हैं। यही वजह है कि उन्होंने आस्था को अर्थव्यवस्था से जोड़ते हुए पहली बार 1025 किमी की गंगा यात्रा की योजना बनायी है। धर्म और धन से जुड़ी सीएम की इस महत्वाकांक्षी योजना के जरिए सूबे के 26 जिलों के लाखों बेरोजगारों को सीधे जोडऩे की तैयारी है। इसी के साथ 1638 गांवों में रोजगार सृजन कर उनका कायाकल्प भी किया जाएगा।
योगी आदित्यनाथ सरकार के मार्च में तीन साल पूरे हो रहें। ऐसे में सरकार का जोर अब रोजगार और अर्थव्यवस्था पर है। प्रदेश के विकास की हर परियोजना में अध्यात्म और पर्यटन को पहली प्राथमिकता दी जा रही है। इसी क्रम पांच दिवसीय गंगा यात्रा की शुरुआत 27 जनवरी को योगी आदित्यनाथ बिजनौर से करेंगे। इसी दिन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल बलिया से इसे हरी झंडी दिखाएंगी।
26 जिले,1638 गांवों से संपर्क
गंगा अपने उद्गम स्थल से लेकर गंगासागर में मिलने तक देश के पांच राज्यों में 2,525 कि.मी. की यात्रा तय करती है। इसमें सबसे ज्यादा 1,025 कि.मी. का प्रवाह यूपी में है। इस यात्रा में गंगा प्रदेश के 26 जिलों से होकर गुजरती है। गंगा के किनारे 1638 गांव बसे हैं। इनमें 1038 ग्राम पंचायतें शामिल हैं। गंगा यात्रा इन्हीं गांवों से होकर गुजरेगी। गंगा यात्रा 21 नगर निकायों को भी कवर करेगी।
रोजगार के नए अवसरों का सृजन
गंगा यात्रा का मकसद धर्म और अध्यात्म के साथ रोजगार सृजन से भी है। सरकार गंगा यात्रा के जरिए पर्यटन को भी धार देगी। यात्रा के दौरान गंगा के किनारे बसे गांवों में पर्यटन सुविधाएं विकसित करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। इसके साथ ही छोटी-छोटी परियोजनाओं के शिलान्यास की भी तैयारी है। गंगा यात्रा में शामिल गांवों में आधारभूत सुविधाएं भी तत्काल शुरू की जाएंगी। यहां होम स्टे से लेकर गेस्ट हाउस बनाने तक के लिए कई कंपनियों से एमओयू की भी तैयारी है। गंगा के तटवर्ती क्षेत्रों में गंगा पार्क, गंगा तालाब और गंगा मैदान का निर्माण किया जाएगा। सरकार का मानना है कि इससे गंगा के किनारे बसे गांवों को न केवल पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जाएगा बल्कि आर्थिक गतिविधियां बढऩे से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। आने वाले दिनों में तटवर्ती 1038 ग्राम पंचायतों में जैविक खेती भी होगी।
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विधायक निधि से पर्यटन विकास पर 50 लाख का खर्च
योगी सरकार ने हाल ही में निर्णय लिया है कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन क्षेत्र विकसित करने के लिए पर्यटन विभाग बुनियादी सुविधाओं पर 50 लाख रुपए तक खर्च कर सकेगा। पूजा स्थल, पर्यटन स्थल या तीर्थ स्थलों के पर्यटन विकास के लिए विधायक अपनी विधायक निधि से 50 लाख रुपए तक के काम करा सकेगा। इसके अलावा पर्यटन विभाग या चंदे व दान के जरिए भी ऐसे स्थल का विकास कराया जा सकेगा। इस योजना में पायलट प्रोजेक्ट के तहत गंगा के किनारे बसे गांवों को शामिल किया जाएगा।
अविरलता और निर्मलता का संदेश
योगी आदित्यनाथ गंगा यात्रा के जरिए लोगों में गंगा की स्वच्छता की भावना भी विकसित करना चाहते हैं। गंगा की अविरलता और निर्मलता के लिए सरकार ने तमाम कदम उठाए हैं लेकिन, जब तक लोगों की प्रत्यक्ष भागीदारी नहीं होगी तब तक गंगा को स्वच्छ नहीं किया जा सकता।
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