कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार बनने के बाद से ही हमने प्रदेश में गुणवत्ता परक शिक्षा व्यवस्था लागू करने का फैसला किया। सरकार इसमें सफल भी रही। इस दौरान शिक्षा विभाग में तेजी से बदलाव आया है। सरकार शिक्षा के हर स्तर पर अच्छा कार्य करने वालों को सम्मानित कर रही है। हमको शिक्षा के क्षेत्र में हर एक स्तर पर कुछ नया देखने को मिला। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में उच्च शिक्षा में पाठ्यक्रम के साथ ही सत्र भी नियमित सत्र हुआ है। इसके साथ ही हमको माध्यमिक शिक्षा में नकल रोकने में सफलता मिली है। एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को बेसिक शिक्षा में लाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के निजी विश्वविद्यालय में पिक एंड चूज का काम होता था। आज सरकार ने नीति बनाई है। सरकार द्वारा शिक्षा को लेकर जागरूकता कार्यक्रम भी चलाये गये।
सीएम योगी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा में बड़ी चुनौती थी कि किस तरह नकलविहीन परीक्षा हो सके। दो वर्षो में हमारी सरकार ने इसे करके भी दिखाया है। नकलविहीन परीक्षा के साथ शिक्षा की गुणवत्ता के तरह भी विभाग का ध्यान गया। यह सकारात्मक काम है। जीवन को हर एक घटना हमें सिखाती है। हम इसको इस लिए संभव कर पाए क्योंकि सबका साथ था। उन्होंने कहा कि यूपी में आज हर छात्र-छात्रा को परीक्षा पास करने के योग्य बनाया जा रहा है। सरकार हर स्तर पर छात्रों का बौद्धिक स्तर बढ़ाने के साथ ही उनके विकास के अभियान में लगी है। उच्च, माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग ने जो प्रयास किया आज उसके नतीजे सबके सामने हैं।
बताई शिक्षकों की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज के समय में शिक्षक बच्चों को सही दीक्षा और दिशा नहीं दिखा पा रहे हैं। यह शिक्षकों की ही जिम्मेदारी है कि देश के वर्तमान घटनाक्रम की जानकारी बच्चों को दें। इसलिए जरूरी है कि कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के कदम को स्कूलों में डिबेट के माध्यम से बताया जाना चाहिए। शिक्षकों द्वारा छात्रों को बताना चाहिए कि अनुच्छेद 370 का विरोध श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने क्यों किया था? इसके लिए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हर जगह से अभिनंदन पत्र भेजा जाना चाहिए।