इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के 10 करोड़ बच्चों जिसमें नवजात शिशु से लेकर एक से 19 वर्ष तक के सभी बालक-बालिकाओं को बचाने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस और पीसीवी वैक्सीन और विटामिन ए संपूर्ण अभियान का शुभारंभ किया जा रहा है। किसी भी बच्चे का बचपन स्वस्थ रहे तो उसका पूरा जीवन स्वस्थ रहता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना के संक्रमण काल के दौरान भी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय सभी कार्यक्रमों को पूरी तत्परता से आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। कोरोना से लड़ाई में सबसे बड़ी भूमिका स्वास्थ्य विभाग की है। प्रदेश में संक्रमण को नियंत्रित करने और मरीजों के ठीक होने की दर को बढ़ाने व मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। इसमें काफी हद तक सफलता मिली है। प्रदेश में चलाए गए अभियान में शिशु मृत्यु दर को कुछ हद तक नियंत्रित करने में सफलता मिली है। इस पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए नियमित टीकाकरण सबसे जरूरी है।
11 जिलों में अभियान सीएम ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान अगस्त, सितंबर, अक्तूबर और नवंबर में चलेगा। पहले चरण में 10 दिन तक 11 चयनित जिलों अमेठी, अमरोहा, बांदा, फिरोजाबाद, हापुड़, शाहजहांपुर, चित्रकूट, एटा, फिरोजाबाद, कासगंज, सोनभद्र में 01 से 19 वर्ष के 99.28 लाख किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े मारने की दवा एल्बेंडाजॉल खिलाई जाएगी। वहीं यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जयप्रताप सिंह ने बताया कि पीसीवी वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है। इसकी पहली खुराक ओपीवी व पेंटावेलेंट वैक्सीन के साथ दी जाएगी। दूसरी खुराक नौ से 12 माह के बीच दी जाती है। निमोनिया टीकाकरण पहले सिर्फ 19 जिलों तक था। अब इसे प्रदेश के सभी जिलों में लगाया जाएगा।
11 बीमारियों से होगा बचाव मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नियमित टीकाकरण में टीबी, गला घोंटू, काली खांसी, टिटनेस, पोलियो, खसरा, रुबेला, हेपेटाइटिस बी, डायरिया, निमोनिया, जापानी इंसेफेलाइटिस जैसी बीमारियों से बचाया जा सकता है। नियमित टीकाकरण में बच्चों को बीसीजी, हेपेटाइटिस बी, पोलियो, पेंटावेलेंट, रोटावायरस, एफ आईपीवी, मीजल्स रुबेला, जेई, पीसीवी, डीपीटी और टीडी की खुराक दी जाती है। विटामिन ए संपूर्ण कार्यक्रम से बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होगी। रतौंधी से बचाने के लिए यह कार्यक्रम जरूरी है।