मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर विरोध प्रदर्शन अनावश्यक है। यह नागरिकता देने का कानून है, न कि किसी की नागरिकता लेने का। देश में नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। इससे समाज की अपूर्णीय क्षति हो रही है। इसके लिए आने वाली पीढ़ी माफ नहीं करेगी। ये देश के संविधान के साथ धोखा कर रहे हैं। लोगों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1955 में यह कानून कांग्रेसी सरकार ने बनाया था, इसमें सिर्फ एक संशोधन किया गया है। 11 वर्ष के जगह पर 5 वर्ष कर दिया गया है। सीएम योगी ने कहा कि वह कानून बनाएं तो ठीक है, हम बना दें तो बुरा है? मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रशासनिक मशीनरी को विकास के काम में जोड़ना चाहिए था, कानून-व्यवस्था को बनाए रखने के लिए उसकी ऊर्जा को डायवर्ट किया जा रहा है।
वह किसानों पर चर्चा की मांग करते हैं तो हंसी आती है
मुख्यमंत्री ने सपा-बसपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जब वह किसानों पर चर्चा की मांग करते हैं तो हंसी आती है। पिछले 15 वर्षों से पूरा प्रदेश संकीर्ण मानसिकता और नकारात्मकता में जकड़ा हुआ था। हमने राज्य के लोगों को इससे बाहर निकाला है। राज्य सरका पर मजहब के आधार पर काम करने का आरोप कोई नहीं लगा सकता है। विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब देश दुनिया की आर्थिक ताकत बनने के करीब है, विपक्ष का यह रवैया गैर जिम्मेदाराना है। इससे जहां प्रदेश का विकास रुक रहा है, वहीं देश की छवि भी खराब हो रही है। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह शुभ लक्षण नहीं माना जा सकता। हम लोग गलतफहमी पैदा करना बंद करें। विरोध करना है तो सदन में करें, विपक्ष को इससे अच्छा मंच कहीं नहीं मिल सकता।
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