हटाए जाएंगे शुगरकेन माफिया उत्तर प्रदेश के गन्ना और चीनी आयुक्त संजय भुसोरेड्डी के मुताबिक, वे माफिया, जो छोटे किसानों से सस्ती कीमतों पर सरकारी कीमतों पर बेचने के लिए गन्ना खरीदते हैं, उन्हें 2018-19 के गन्ना सर्वेक्षण के दौरान हटा दिया जाएगा।
अधिकारियों द्वारा किया जाएगा निरीक्षण इस सर्वे में जहां किसानों को नुकसान पहुंचाने वाले गन्ना माफियाओं को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा, वहीं इसमें इस बात का भी निरीक्षण किया जाएगा कि पिछले साल और इस साल गन्ना एकड़ के मामलों में हर एक किसान की क्या स्थिति है। यह निरीक्षण स्पॉट विजिट के माध्यम से अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा, राज्य मुख्यालय में तैनात वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रैंडम जांच भी आयोजित की जाती है।
इस मामले में संजय भुसोरेड्डी ने कहा कि अगर सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है, तो ऐसे में सख्त कार्यवाही की जाएगी। टॉप रिकार्ड पर उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश गन्ना और चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक है, जिसका 2017-18 में कुल आउटपुट रिकार्ड 12 मिनियन टन था। इस रिकार्ड के बाद दूसरे नंबर पर 10.8 मिलीयन टन के रिकार्ड के साथ महाराष्ट्र था। बात अगर आने वाले सीजन की करें, तो यूपी के गन्ना क्षेत्र का अनुमान 2.34 मिलियन हेक्टेयर माना जा रहा है, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ा ज्यादा है।