शिवपाल ने की थी बड़े स्थान की मांग
शिवपाल यादव ने कहा, “मैं पांच बार विधायक और एक पूर्व मंत्री रहा हूं, जिसके लिए मैंने बड़े स्थान की मांग की थी। इसके बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो से एक रिपोर्ट मांगी गई और उनकी रिपोर्ट के बाद ही सरकार द्वारा यह नया घर मुझे आवंटित किया गया। बंगले के आवंटन में सभी नियमों का पालन किया गया है।” 6 लाल बहादुर शास्त्री मार्ग पर स्थित बंगला पहले बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को आवंटित किया गया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद खाली किया गया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों मायावती, राजनाथ सिंह, मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव को सरकारी बंगला खाली करना पड़ा था। हालांकि मायावती ने बंगला बचाने की भरसक कोशिश की थी। उन्होंने 13ए मॉल एवेन्यू सरकारी आवास पर कांशीराम विश्राम स्थल का बोर्ड तक लगवा दिया था। राज्य संपत्ति विभाग के अफसरों ने कहा था कि बंगला मायावती के नाम पर आवंटित है, कांशीराम विश्राम स्थल के नाम से नहीं, लिहाजा बोर्ड लगाने से कोई फायदा नहीं है। वहीं मायावती ने इसे लेकर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 13 मॉल एवेन्यू वाला सरकारी बंगला उन्हें बतौर मुख्यमंत्री आवंटित नहीं हुआ था। बसपा के राज्य सभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने इस मामले पर योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की थी, जहां उन्होंने कहा था कि 13 जनवरी 2011 को बसपा कार्यकाल के दौरान इस सरकारी बंगले को कांशीराम विश्राम स्मारक स्थल घोषित कर दिया गया था।