मुख्यमंत्री ने अवस्थापना सुविधाओं को दोगुना करते हुए सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों की क्षमता को 400 से बढ़ाकर 800 किए जाने की घोषणा की। उन्होंने निर्माणाधीन आॅडिटोरियम की क्षमता को 1000 किये जाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल, लखनऊ की स्थापना वर्ष 1960 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डाॅ0 सम्पूर्णानन्द जी के प्रयासों से हुई जो देश का पहला सैनिक स्कूल भी है।
मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सपने को मूर्त रूप देने का काम वर्तमान केन्द्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को समाप्त करके किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और गृह मंत्री श्री अमित शाह के साहसिक निर्णय से देश में ‘एक विधान, एक प्रधान और एक निशान’ का सपना साकार हुआ है। उन्होंने कहा कि यह वर्ष गांधी जी की 150वीं जयंती का वर्ष भी है। गांधी जी का मानना था कि स्वदेशी, स्वच्छता, स्वावलम्बन और ग्राम स्वराज के माध्यम से ही स्वस्थ भारत की संकल्पना को साकार किया जा सकता है। इससे पूर्व, विद्यालय परिसर में मुख्यमंत्री जी ने रुद्राक्ष का एक पौधा रोपित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने विज़िटर बुक पर अपने विचार भी लिखे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष गुरु नानक देव का 550वां प्रकाश पर्व है। गुरु नानक जी का संदेश मानव का कल्याण करने वाला है। आवश्यकता है कि गुरु नानक जी के संदेश को दुनिया में ले जाया जाए। इस वर्ष राज्य सरकार ने प्रयागराज कुम्भ-2019 का सफल आयोजन किया। साथ ही, 15वें प्रवासी भारतीय दिवस का भी सफल आयोजन कराया। उन्होंने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सभी फ्लैगशिप योजनाओं में पहले स्थान पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ को गति देने का कार्य कर रही है। इसी का परिणाम है कि कैप्टन मनोज पाण्डेय सैनिक स्कूल में बालिकाओं को भी पहली बार प्रवेश दिया गया है। यह बालिकाएं देश की रक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगी। उन्होंने विद्यार्थियों को एक सूत्र वाक्य दिया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान सैनिक जितना खून पसीना बहाएगा, युद्ध के मैदान में उतना ही कम खून-पसीना बहाना पड़ेगा।