दरअसल, समाजवादी पार्टी ने 2013 में 2003 तक मान्यता पाने वाले सभी मदरसों को अनुदान देने के लिए नीति निर्धारित की थी, जिसके तहत अखिलेश सरकार की तरफ से 100 मदरसों को अनुदान देने की शुरुआत की गई थी। इस अनुदान से मदरसों के 12 शिक्षकों के अलावा प्रधानाचार्य और लिपिक का वेतन मिलता रहा है। मदरसों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें आलिया, फौकानिया और तहतानिया शामिल हैं। आलिया में हाईस्कूल स्तर का होता है, जबकि फौकानिया जूनियर हाईस्कूल स्तर और तहतानिया प्राइमरी स्तर तक होता है।
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ट्रैफिक पॉलिसी वाला यूपी का पहला शहर बनेगा नोएडा, देश में सिर्फ मुंबई और बेंगलुरु में लागू मदरसों में राष्ट्रगान हुआ अनिवार्य बता दें कि हाल ही में यूपी सरकार ने सभी मदरसों में रोजाना सुबह सबसे पहले दुआओं के साथ राष्ट्रगान का कराने का निर्देश दिया था। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडे ने आदेश में कहा था कि बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि नए शिक्षण सत्र से सभी मदरसों में प्रार्थना के दौरान राष्ट्रगान अनिवार्य होगा। साथ ही कहा गया था कि प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त अनुदानित और गैर अनुदानित सभी मदरसों में कक्षा शुरू होने से पूर्व दुआओं के साथ शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को राष्ट्रगान गाना अनिवार्य होगा।
ज्ञात हो कि राष्ट्रगान से पूर्व सभी मदरसों में महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथा पढ़ाने का फैसला लिया गया था। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि इसका उद्देश्य मदरसों के बच्चों में राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा करना है।