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सीएम योगी ने खत्म की अखिलेश सरकार की योजना, अब अल्पसंख्यकों को नहीं मिलेगा ये लाभ

locationलखनऊPublished: May 18, 2022 11:55:29 am

Submitted by:

lokesh verma

अखिलेश यादव सरकार की तरफ से 2013 में बनाई गई नीति को योगी आदित्यनाथ सरकार ने समाप्त कर दिया है। उत्तर प्रदेश में अब नए मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं दिया जाएगा। नए मदरसों को अनुदान सूची से हटाने के राज्य कैबिनेट के प्रस्ताव को योगी सरकार मंजूर कर लिया है।

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उत्तर प्रदेश में अब नए मदरसों को सरकारी अनुदान नहीं दिया जाएगा। नए मदरसों को अनुदान सूची से हटाने के राज्य कैबिनेट के प्रस्ताव को योगी सरकार हरी झंडी दे दी है। कल ही 17 मई को कैबिनेट नए मदरसों को अनुदान सूची से बाहर करने का फैसला लिया था, जिस पर अब उत्तर प्रदेश सरकार ने मुहर लगा दी है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में फिलहाल कुल 16 हजार 461 मदरसे हैं, जिनमें से 558 को पहले से अनुदान दिया जाता रहा है। हालांकि योगी सरकार बनने के बाद से एक भी मदरसे को 2017 से अनुदान नहीं दिया गया है।
दरअसल, समाजवादी पार्टी ने 2013 में 2003 तक मान्यता पाने वाले सभी मदरसों को अनुदान देने के लिए नीति निर्धारित की थी, जिसके तहत अखिलेश सरकार की तरफ से 100 मदरसों को अनुदान देने की शुरुआत की गई थी। इस अनुदान से मदरसों के 12 शिक्षकों के अलावा प्रधानाचार्य और लिपिक का वेतन मिलता रहा है। मदरसों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें आलिया, फौकानिया और तहतानिया शामिल हैं। आलिया में हाईस्कूल स्तर का होता है, जबकि फौकानिया जूनियर हाईस्कूल स्तर और तहतानिया प्राइमरी स्तर तक होता है।
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मदरसों में राष्ट्रगान हुआ अनिवार्य

बता दें कि हाल ही में यूपी सरकार ने सभी मदरसों में रोजाना सुबह सबसे पहले दुआओं के साथ राष्ट्रगान का कराने का निर्देश दिया था। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के रजिस्ट्रार एसएन पांडे ने आदेश में कहा था कि बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि नए शिक्षण सत्र से सभी मदरसों में प्रार्थना के दौरान राष्ट्रगान अनिवार्य होगा। साथ ही कहा गया था कि प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त अनुदानित और गैर अनुदानित सभी मदरसों में कक्षा शुरू होने से पूर्व दुआओं के साथ शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को राष्ट्रगान गाना अनिवार्य होगा।
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महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथा पढ़ाने का भी लिया था फैसला
ज्ञात हो कि राष्ट्रगान से पूर्व सभी मदरसों में महापुरुषों और स्वतंत्रता सेनानियों की वीर गाथा पढ़ाने का फैसला लिया गया था। राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने बताया कि इसका उद्देश्य मदरसों के बच्चों में राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा करना है।
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