मुख्यमंत्री आज यहां लोक भवन में नीति आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जाए कि राज्य का प्रत्येक आकांक्षात्मक जनपद देश में उच्च स्थान प्राप्त करे। उन्होंने आकांक्षात्मक जनपदों से सम्बन्धित डेटा समय से फीड किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग के कार्यों की विशेष समीक्षा की और निर्देश दिए कि विभागीय कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूर्ण किया जाए।
आकांक्षी जनपदों की प्रगति के आकलन के लिए तैयार डैशबोर्ड का प्रयोग राज्य के अन्य जनपदों से रियल टाइम डाटा प्राप्त कर उनकी प्रगति के आकलन के लिए किए जाने के नीति आयोग के सुझाव का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री जी ने इसके लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने आकांक्षात्मक जनपदों हेतु नामित केन्द्र और राज्य के प्रभारी अधिकारियों में बेहतर सामंजस्य के लिए उनकी बैठक कराने के निर्देश भी दिए।
बैठक के दौरान नीति आयोग के अधिकारियों द्वारा प्रदेश के आकांक्षात्मक जनपदों के विकास के सम्बन्ध में एक प्रस्तुतिकरण दिया गया। प्रस्तुतिकरण के दौरान प्रदेश में आकांक्षात्मक जनपदों की प्रगति की सराहना करते हुए नीति आयोग द्वारा बताया गया कि आकांक्षात्मक जनपदों का विकास कार्यक्रम लागू किये जाने के पश्चात विगत लगभग 01 वर्ष में प्रदेश के चिन्हित 08 आकांक्षात्मक जनपदों (बहराइच, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र, श्रावस्ती, फतेहपुर, चित्रकूट, चन्दौली) में व्यापक सुधार हुआ है। इस दौरान प्रदेश के सभी आकांक्षात्मक जनपदों में औसतन 33 प्रतिशत सुधार दर्ज किया गया है, जबकि बलरामपुर और सिद्धार्थनगर जैसे जनपदों में 50 प्रतिशत से अधिक सुधार हुआ है।
प्रस्तुतिकरण में बताया गया कि प्रदेश के 08 आकांक्षात्मक जनपदों में से जनपद फतेहपुर, सोनभद्र, चन्दौली, चित्रकूट, बलरामपुर ने विभिन्न महीनों में विकास के अलग-अलग मानकों पर देश के कुल आकांक्षात्मक जनपदों में अग्रणी स्थान बनाया है। नीति आयोग द्वारा विभिन्न मानकों पर प्रतिमाह अग्रणी स्थान प्राप्त करने वाले जनपदों को प्रोत्साहन स्वरूप अलग से धनराशि प्रदान की जा रही है। राज्य के कई जनपदों में अग्रणी प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहन धनराशि प्रदान की गयी है। आकांक्षात्मक जनपदों में कराए जा रहे कार्यों का थर्ड पार्टी सत्यापन भी कराया जाता है।