इसके साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वो कौन लोग थे जो कह रहे थे कि हम गर्भगृह से 200 मीटर दूर राम मन्दिर का शिलान्यास करेंगे। वहां पर कुछ नहीं होना है। विवादित ढांचे में कुछ नहीं करना है। हम सभी लोगों को बुलाना चाहते थे। कोरोना के प्रोटोकॉल के कारण सीमित संख्या में लोगों को बुलाना था। साधु-संत इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने चाहते थे। कोरोना महामारी के कारण इस पूरे कार्यक्रम में करीब 200 मेहमान आ पाए।
राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक समागम का अवसर बने भूमि पूजन
उत्तर प्रदेश कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भूमिपूजन कार्यक्रम का समर्थन करते हुए कहा था कि राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं। सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु। राम नाम का सार है। प्रियंका गांधी ने आगे कहा है कि रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने। इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने पीएम मोदी से अयोध्या कार्यक्रम में शामिल न होने की अपील भी की थी।