हैदराबाद के इंटरनैशनल कन्वेंशन सेंटर में दो दिवसीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के साथ ही बीजेपी शासित प्रदेशों के सीएम और सीनियर नेता भी मौजूद रहेंगे। BJP की तेलंगाना यूनिट ने योगी के भाग्यलक्ष्मी मंदिर में जाने को लेकर प्रचार शुरू कर दिया है। बीजेपी हैदराबाद के मंदिर में यह पॉलिटिकल माइलेज हासिल करना चाहती है। योगी ने 2020 में हुए हैदराबाद निकाय चुनावों के लिए जबर्दस्त प्रचार किया था। इससे फायदा हुआ कि 47 सीटों पर भगवा लहराते हुए मेयर की पद पर कब्जा जमाया था।
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बिकरूकांडः आखिर कौन है जो रहस्यमयी गाड़ियों से अपराधियों के परिवार को पहुंचा रहा है राशन राममंदिर की तरह भाग्यलक्ष्मी मंदिर का था भूमि विवाद अयोध्या राम मंदिर की तरह ही भाग्यलक्ष्मी मंदिर भी भूमि विवाद का केंद्र रहा है। ऐसा आरोप लगता रहा है कि पहले मंदिर का निर्माण किया गया था और बाद में चारमीनार संपत्ति पर ही अतिक्रमण कर लिया गया। एएसआई ने रेकॉर्ड पर यह भी कहा था कि परिसर से सटे इस मंदिर जैसी संरचनाओं के कारण चारमीनार ने यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल में अपना नामांकन नहीं करा पाया। मंदिर का गर्भ गृह की दीवार दरअसल चारमीनार की ही दीवार है। हालांकि हिंदू पक्ष का दावा है कि यह मंदिर चारमीनार जितना ही पुराना है।